हाइलाइट्स :
किस ” बी ” कम्पनी का काम हो सकता है ?
लिखा था “जय बाबा की” गैंगस्टरों का कोड वर्ड
राजेंद्र स्वामी , दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली। दिल्ली के नार्थ वेस्ट जिले के मुखर्जी नगर थाना क्षेत्र में शनिवार दोपहर दिन दहाड़े रंगदारी माँगने के लिए ज्वेलरी शॉप पर की गयी ताबड़तोड़ फायरिंग ने दिल्ली पुलिस के होश उड़ा दिए है। इस मामले की जांच पुलिस कर तो रही है लेकिन वह इस सवाल को लेकर परेशान है कि कहीं दिल्ली में “दाऊद इब्राहिम ” की तर्ज़ पर “बी ” कम्पनी तो नहीं खड़ी हो गयी है ? दिन दहाड़े जिस अंदाज में बाइक पर आई दो लोगों ने भीड़भाड़ वाले क्षेत्र को चुनाव उससे यह आदेश तो कतई नहीं लगता की फायरिंग करने वाले दोनों युवक कोइ छुटभैया गैंग के या फिर कोई उदयीमान अपराधी थे। जिस सहगल ज्वैलर के शॉप उन्होंने फायरिंग की उससे उन्होंने इस बात का ध्यान रखा की किसी को गोली लग न जाए। बाकायदा उन्होंने गार्ड को गाली देकर एक तरफ हट जाने को कहा और ताबड़ तोड़ चार से पांच राउंड फायरिंग कर आराम से भाग निकले। उनमें कहीं किसी बात का डर नहीं था। यानी उनका अंदाज एकदम पेशेवर अपराधियों वाला नजर आ रहा था। जो पर्ची उन्होंने जिस तरह फेंकी वह किसी बड़े गैंग की करतूत लग रही थी।
किस ” बी ” कम्पनी का काम हो सकता है ?
अपराधियों ने जो पर्ची गार्ड के तरफ फेंकी उसमें स्पष्ट धमकी थी। उसमें हरियाणवी लहज़े में लिखा था “बात सुन ले ध्यान तै सहगल 1 करोड़ दे और अपनी जान बचा ले नहीं तो अंजाम तै लाइ तैयार रहिये ” धमकी से पहले #( B ) कम्पनी एसोसिएट्स लिखा था। यानी यह धमकी बी.एसोसिएट की तरफ से लिखा गया था। इस एसोसिएट में कुल चार ग्रुप या यूं कहे गैंग का जिक्र है जिसका हर नाम “बी ” से शुरू होता है। सबके नाम के आगे #लगा हुआ है। ये संकेत दे रहे है कि अब B कम्पनी बन गयी है और दिल्ली एनसीआर में फैलने को तैयार है । इस कम्पनी में #B- बवाना ग्रुप है ,जिसे नीरज बवानिया ग्रुप कहा जाता है ,# B- बंबीहा ग्रुप , जिसे वर्ष 2016 में पंजाब पुलिस के हाथों मारे गए गैंगस्टर देवेंद्र बंबीहा के साथी चला रहे है। तीसरा #B बाली ग्रुप है। इसमें दिल्ली के सुल्तानपुर डबास के रहने वाले नवीन बाली और उसके भाई राहुल काला के गुर्गे चला रहे है। नवीन बाली दिल्ली का दाऊद कहे जाने वाले नीरज बवानिया गैंग का साथी है। आखिर में #B भोला ग्रुप है। उत्तर भारत में भोला नाम से कई गैंग है। लेकिन यहां जिस भोला का जिक्र है वह दिल्ली के गैंगस्टर मुकेश भोला का माना जा रहा है। यह गैंग भी नीरज बवानिया के नजदीक है। बाकी और कुख्यात गैंग प्रदीप भोला और देवेंदर भोला लॉरेंस बिश्नोई गैंग के करीबी है इसलिए इस कंपनी में उनका नाम होने की संभावना नहीं है।
लिखा था “जय बाबा की” गैंगस्टरों का कोड वर्ड
सहगल ज्वेलर्स पर फायरिंग करने वालों द्वारा फेंकी गयी पर्ची के अंत में जय बाबा की लिखा हुआ था। इन गैंगस्टरों के बीच जय बाबा की बोलना एक कोडवर्ड की तरह है। इन गैंगस्टरों के वायरल ऑडियो में भी “जय बाबा की ” सुना जाता है। आपसी बोलचाल में जय बाबा की बोलना इनके बीच आम बात है। यानी पर्ची में लिखा “जय बाबा की ” इस बात की और इशारा करता है कि यह काम पेशेवर गैंग का ही है। ऐसे ऐसे गैंग का जिसने एक नया आकार लिया है। यानी नयी कम्पनी बनाई है। हालांकि पुलिस इस संभावना को भी खंगाल रही है की कहीं यह पर्ची पुलिस का ध्यान भटकाने और गुमराह करने के लिए तो नहीं फेंकी गयी है ? या फिर सीधे सीधे पुलिस को चुनौती देकर बी कम्पनी रंगदारी वसूलने का ऐलान कर चुकी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है लेकिन इस घटना के बाद से कारोबारियों में दहशत है। सीधे सीधे फायरिंग करके पर्ची फेंक कर रंगदारी मांगने का यह नया स्टाइल है। अब सवाल यह है कि क्या यह गैंग सहगल ज्वेलर्स के मालिक से क्या संपर्क कर कैसे रकम वसूलेगा ? दिल्ली पुलिस इस गैंग की धरपकड़ के लिए कौन से तरिका अपनाएगी ? नॉर्थ वेस्ट जिला पुलिस की कई टीमें इस काम में लगी है। सीसीटीवी तस्वीरों से उसके रूट को खंगाला जा रहा है। साथ ही गैंग के बारे में जानकारी जुटाने के लिए जेल में बंद कुछ गैंगस्टर की गतिविधियों को भी खंगाला जा रहा है। बहरहाल पुलिस इस मामले पर ज्यादा जानकारी देने से बच रही है। जो संकेत मिल रहे है वह दिल्ली पुलिस के लिए बड़ी भारी चिंता और चुनौती बनती नजर आ रही है।