दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली, 3 अगस्त 2024। क्या दिल्ली का नॉर्थ ईस्ट इलाका बन चुका है मिनी पाकिस्तान? क्या अपराधियों का गढ़ बन चुका है राजधानी का ये इलाका? अगर ऐसा नहीं है तो क्यों ज़रा ज़रा सी बात पर हत्या आम बात हो गई है। आखिर अपराध और अपराधियों पर नकेल क्यों नही कस पा रही है दिल्ली पुलिस?
कुछ दिन पहले ही गोकलपुरी में सिमरनजीत कौर की रोड रेज़ में हत्या कर दी गई थी। अब दिल्ली पुलिस ने जिहादी माज़ीद को पकड़ा है। एनकाउंटर के बाद जिसके दोनों पैरों मे गोली लगी है। पर सवाल ये है कि इस इलाके में अपराधी इतनी आसानी से कैसे पनप रहे है वो भी एक खास तबके के। पुलिस क्या कर रही है? दरअसल बॉलीवुड गैंगस्टर फिल्मों से प्रेरणा, ऑनलाइन छवि स्थापित करने का आकर्षण, तथा कानूनी खामियों के प्रति जागरूकता के कारण हाल के दिनों में उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कुछ इलाकों में युवा अपराध की जिंदगी की ओर बढ़ रहे हैं।
भजनपुरा, शास्त्री पार्क और वेलकम जैसे क्षेत्र ऐसी आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन गए हैं।
लोगों को याद होगा कथित तौर पर एक 17 वर्षीय लड़के को 50 से अधिक बार चाकू मारने, उससे 350 रुपये चुराने और उसके शव को जनता मजदूर कॉलोनी की गंदी सड़कों पर घसीटने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। वो माया गैंग’ ने अगस्त में भजनपुरा में एक मामूली बहस को लेकर हुई गोलीबारी में शामिल होने के कारण कुख्याति प्राप्त की थी, जिसमें अमेज़न कर्मचारी हरप्रीत गिल की जान चली गई थी। आरोपियों में बिलाल गनी, 18, सुहैल, 23, मोहम्मद जुनैद, 19, अदनान, 19 और मोहम्मद समीर उर्फ माया शामिल हैं – जो इसी नाम के गिरोह का 18 वर्षीय सरगना है, जिसका आपराधिक इतिहास 2020 का है। सीलमपुर में फरवरी में चाकू घोंपने की एक घटना में शामिल पांच लड़कों को पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद एक उभरते गिरोह का भंडाफोड़ हो गया जो मस्तान गिरोह’ था जिसने कम से कम 15 सदस्य थे। गिरोह का नेतृत्व शोएब उर्फ मस्तान कर रहा था। और अब माजिद पकड़ा गया है।
ये एक बानगी मात्र है। शायद इस विश्लेषण से आप समझ गए होंगे कि नॉर्थ ईस्ट दिल्ली की तुलना मिनी पाकिस्तान से क्यों की जा रही है। जरूरत है इन अपराधियों पर सख्त कारवाही की ताकि फिर कोई सिमरजीत अपनी जान न गंवा दे।
क्या दिल्ली का नॉर्थ ईस्ट इलाक़ा बन चुका है मिनी पाकिस्तान, सिमरनजीत की हत्या के बाद उठे ज्वलंत सवाल
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