दिल्ली दर्पण
नई दिल्ली, 4 अगस्त 2024। सरकार वक्फ़ एक्ट का संशोधन बिल लाने जा रही है जिसके बाद वफ्फ एक्ट में कई बदलाव आ जाएंगे। विपक्षी पार्टियां इसका विरोध कर रही हैं। यह बिल संभवतः 5 अगस्त को संसद में पेश होगा। इससे दिल्ली के वफ्फ बोर्ड की संपत्तियों पर भी असर पड़ेगा क्योंकि वफ्फ बोर्ड को अपनी संपतियों के सत्यापन के लिए कागज पेश करने होंगे।
मोदी सरकार वक्फ एक्ट में बड़े संशोधन करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट ने वक्फ़ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार वक्फ़ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को “वक्फ संपत्ति” बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है। 40 प्रस्तावित संशोधनों के अनुसार वक्फ़ बोर्डों द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा। वक्फ़ बोर्ड की विवादित संपत्तियों के लिए भी अनिवार्य सत्यापन का प्रस्ताव दिया गया है सूत्रों ने बताया कि वक्फ़ अधिनियम में संशोधन के लिए एक बिल 5 अगस्त को संसद में पेश किया जा सकता है।
ऐसे में दिल्ली के वफ्फ की संपतियों पर असर पड़ सकता है क्योंकि इनमें से कई संपत्ति विवादित हैं।
पूरे देश की तरह दिल्ली में भी वक्फ बोर्ड अधिनियम 1995’ समाज में द्वेष और नफरत पैदा करता है। यह अपनी अकूत ताकत का दुरुपयोग करता है। समाज की एकता और सद्भाव को विभाजित करता है। अपनी अकूत शक्तियों के आधार पर सरकारी, निजी संपत्तियों तथा मठ, मंदिरों पर मनमाने तरीके से कब्जा करता है। आज वक्फ बोर्ड के पास रेलवे और चर्च के बाद सबसे ज्यादा जमीन है।
आपको बता दें कि दिल्ली के वक्फ बोर्ड मामले में आम आदमी पार्टी के नेता अमानतुल्लाह खान के खिलाफ ईडी ने आरोप लगाया कि खान ने अपने कार्यकाल के दौरान सरकारी गाइडलाइन तोड़ते हुए 30 से ज्यादा अवैध भर्तियां कीं। साथ ही आरोप है कि उन्होंने अवैध रूप से दिल्ली वक्फ बोर्ड की कई संपत्तियों को किराए पर दे दिया। इन्हीं आरोपों के बाद विधायक के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत मामला दर्ज हुआ। फिलहाल दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्हें जमानत दी है।
वैसे तो वफ्फ को ज्यादातर संपत्तियां मुस्लिम शासनकाल में दान में मिली हैं। इनपर लंबे समय से विवाद होता रहा है। आंकड़ों के मुताबिक वक्फ बोर्ड के पास 8 लाख एकड़ से ज्यादा जमीन है। साल 2009 में यह जमीन 4 लाख एकड़ हुआ करती थी, जो कुछ सालों में बढ़कर दोगुनी हो गई है। इन जमीनों में ज्यादातर मस्जिद, मदरसा, और कब्रगाह हैं। पिछले साल अल्पसंख्यक मंत्रालय ने लोकसभा में बताया था कि दिसंबर 2022 तक वक्फ बोर्ड के पास कुल 8,65,644 अचल संपत्तियां थीं।
अक्सर वक्फ की संपत्तियों को लेकर विवाद होता रहता है. सबसे ज्यादा विवाद वक्फ बोर्ड को दिये अधिकारों को लेकर है। वक्फ बोर्ड को अधिकार दिया गया है कि वह किसी भी संपत्ति की जांच कर सकता है और अगर किसी संपत्ति पर अपना दावा कर दे तो इसे पलटना मुश्किल हो जाता है। वक्फ एक्ट के सेक्शन 85 में कहा गया है कि बोर्ड के फैसले को सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट में चुनौती भी नहीं दी जा सकती। अब यही कानून मोदी सरकार बदलना चाहती है।
बदल जायेगा वक्फ एक्ट, बड़े संशोधन की तैयारी में मोदी सरकार, बिल में बदलाव से पड़ेगा दिल्ली वफ्फ संपतियों पर असर
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