राजधानी Delhi के AIIMS ट्रामा सेंटर हॉस्पिटल में रोज़ाना हादसा पीड़ित मरीज उपचार के लिए बहुत अधिक स्तर पर आते है. बताया जा रहा है कि हादसा पीड़ित के इलाज के लिए ट्रामा सेंटर में बेड कम पड़ रहे थे, जिससे मरीजों को अपने उपचार करवाने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. आपको बता दे कि मरीजों की इस समस्या का समाधान करते हुए मरीजों के उपचार हेतु एम्स ट्रामा सेंटर का विस्तार किया जायेगा. ट्रामा सेंटर में मरीजों के लिए एक नया ब्लॉक बनाया जायेगा जिसके लिए ट्रामा सेंटर की प्रकिया तैयार है. अब एम्स के गवर्निंग बॉडी से स्वीकृति मिलने के बाद एम्स प्रशासन की स्वीकृति के लिए फाइल केंद्रीय सवस्थ मंत्रालय को भेजेगा आशा है की सारी प्रक्रिया जल्द पूरी हो जाएगी. जिसके बाद ट्रामा सेंटर के निर्माण का रास्ता साफ़ हो जायेगा और ट्रामा सेंटर का विकास होने लगेगा. जिससे मरीजों को हॉस्पिटल में बेड न मिलने जैसी समस्याओ का सामना नहीं करना पड़ेगा और मरीजों का उपचार करना भी आसान हो जाएगा.
मौजूदा परिस्तिथियों में बदलाव Delhi AIIMS
बताया जा रहा है कि एम्स ट्रामा सेंटर में इस समय 250 से अधिक बेड है और वर्ष 2023 में ट्रामा सेंटर की OPD में 60,420 से अधिक मरीज देखे गए है. 7,500 से अधिक मरीज भर्ती हुए व 8000 मरीजों का प्रोसीजर हुआ था. मरीजों की ज्यादा संख्या होने की वजह से हॉस्पिटल में बेड कम पड़ जाते है. जिससे जिन मरीजों को सुविधा नहीं मिलती और उनको काफी परेशानी झेलनी पड़ती है. डॉक्टरों का कहना है कि ट्रामा सेंटर में प्रति दिन 160 से अधिक हादसा पीड़ित मरीजो का इलाज किया जाता है. मरीजों की संख्या अधिक हो जाने के कारण दूसरे हादसा पीड़ित मरीजों को अपने उपचार के लिए इंतज़ार करना पड़ता है. डॉक्टरों का यह भी कहना है कि मरीजों कि संख्या ज़्यादा होने पर बाकी मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में भेजना पड़ता है. इसी समस्या को देखते हुए ट्रामा सेंटर में एक नया ब्लॉक बनाने का निर्णय लिया है. जिसमे मरीजों के लिए बेड की झमता 500 की जाएगी जिससे मरीजों को पूरी तरह से सुविधा मिल पाए और हादसा पीड़ित मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में न भेजा जाये.
पूनम कोरी, दिल्ली दर्पण टीवी