अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
हिंदू धर्म में दीपावली का अत्यधिक महत्व होता है. पौराणिक कथाओं के अनुसार जब भगवान Ram वनवास पूरा करके और लंकापति Ravana का वध करके Ayodhya लौटे थे तो उनके आगमन की खुशी दिवाली के रूप में मनाई गई थी. इस अवसर पर पूरे Ayodhya नगर में घी के दीपक जलाए गए थे और रोशनी से पूरी राम नगरी जगमगा उठी थी. इसी दिन को हर साल दिवाली के रूप में मनाया जाता है.
इस साल की दिवाली बेहद ख़ास है. क्यूंकि Ayodhya में Ram मंदिर की प्राण – प्रतिष्ठा के बाद ये पहली दिवाली है. Ayodhya में दिवाली की तैयारी ज़ोरो शोरो से हो रही है. इस मौके पर Ayodhya में 28 लाख दिए जलाये जाएंगे.
Ram मंदिर बनने के बाद पहली दिवाली
Yogi Adityanath सरकार अयोध्या में दीपोत्सव की तैयारिओं में लगे हुए है. इस मौके पर कोई कमी न रह जाए इस बात पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है. क्यूंकि अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद ये पहली दिवाली है. इस मौके पर एक Friendly Diwali मनाने पर ज़ोर दिया जा रहा है. Uttar Pradesh इस साल एक नया World Record बनाने की तैयारी में है जिसके तहत सरयू नदी के किनारे 28 लाख दिए जलाये जाएंगे.
अयोध्या में जो दीये जलाए जाने हैं उन्हें इस तरह तैयार किया गया है कि उनसे मंदिर प्रांगण में या मंदिर की दीवारों वगैरह पर किसी तरह का निशान नहीं पड़ेगा. साथ ही, ये दीये लंबे समय तक जलते रहेंगे और जल्दी नहीं बुझेंगे.
इस साल जिन दीयों का इस्तेमाल किया जाना है वो वैक्स से बनकर तैयार होंगे जिससे कार्बन उत्सर्जन कम होगा. इसके अलावा, इन दीयों से मंदिर को भी किसी तरह की क्षति नहीं पहुंचेगी. मंदिर ट्रस्ट ना सिर्फ दिवाली पर अयोध्या को भक्ति का केंद्र बनाना चाहता है बल्कि कोशिश है कि यह स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए भी एक अच्छा उदाहरण बने.
सरयु नदी के 55 घाटों पर दीप जलाए जाएंगे जिसके लिए 30,000 से ज्यादा वॉलंटियर्स इस काम में लगे हैं. 80,000 दीयों से स्वास्तिक का चिन्ह बनाया जा रहा है जो दीपोत्सव के मुख्य आकर्षणों में से एक होगा. इसके साथ ही, 30 अक्टूबर के दिन छोटी दिवाली पर अयोध्या में 28 लाख दीप जलाकर World Record बनाया जाएगा.