अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
शुक्रवार को संभू बॉर्डर पर 298 दिन से धरना दे रहे पंजाब के किसानो को हरियाणा पुलिस ने आगे नहीं बढ़ने दिया. किसानो ने आगे बढ़ने के लिए पुलिस के बैरिकेड तक तोड़ दिए जिसके बाद हरियाणा पुलिस और अर्ध सैनिक बलों ने पेपर स्प्रे और आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया. इस दौरान 16 किसान घायल भी हो गए. फ़िलहाल किसानो ने केंद्र से बातचीत करने के लिए एक दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया है.
किसान संगठनो की घोषणा को देखते हुए अम्बाला पुलिस प्रसाशन ने पुरे इंतज़ाम कर रखे थे. जिसके बाद दोपहर 12 बजे से ही शम्भू बॉर्डर के साथ लगने वाले सभी गावों की इंटरनेट सेवा बंद कर दी गयी थी. एक बजे 101 किसानो का जत्था पैदल हरियाणा सीमा की ओर बढ़ा . बैरिकेड्स ओर बिछाई कीलों को उखाड़कर पुल से निचे फेक दिया. 200 मीटर दूर कंकरीट की दीवार के पास तक किसान पहुंच गए ओर जाली को उखाड़ने लगे. एक किसान कंकरीट की दीवार पर बनाई छत पर भी चढ़ गया. किसान दिल्ली जाने पर अड़े थे . जबकि हरियाणा पुलिस का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट का यथास्तिथि बनाये रखने के आदेश है . उग्र हो रहे किसानो को रोकने के लिए आंसू गैस के गोले भी छोडे गए.
इसके बाद किसानो का जत्था 3 बजे वापस लौट गया. सरवन सिंह पंधेर ने बताया जा रहा है कि हरियाणा के अधिकारियों ने मांग पत्र लेकर केंद्र से बात करने कि मांग राखी. इसलिए एक दिन के लिए दिल्ली कूच टाल दिया गया है.
वहीँ सभी फसलों को केंद्र सरकार द्वारा MSP पर ख़रीदे जाने के केंद्रीय कृषिमंत्री शिवराज सिंह चौहान कि घोषणा पर आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह ने तो कोई प्रतिक्रिया नहीं दी, पर भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह हरियाणा के प्रवक्ता तेजवीर सिंह ने कहा कि वे इस घोषणा पत्र पर विश्वास नहीं करते , यदि केंद्र इसे लागू करना ही चाहते है, तो पहले वो लीगल गारंटी प्रोक्योरमेंट कानून बनाये.