-अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
शालीमार बाग़ विधानसभा सीट से जीत हासिल करने के बाद रेखा गुप्ता अब दिल्ली की नयी मुख्यमंत्री बन गयी है .इसके साथ ही रेखा गुप्ता, सुषमा स्वराज, शिला दीक्षित और आतिशी के बाद दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बन गयी है. आज दिल्ली के रामलीला ग्राउंड में रेखा गुप्ता ने दिल्ली के सीएम के रूप में शपथ ग्रहण भी किया.
गौर करने वाली बात ये है कि दिल्ली में 27 सालों बाद बीजेपी की सरकार बनी है, इसके बावजूद भारतीय जनता पार्टी को सीएम का चहेरा चुनने में बहुत ज़्यादा समय लग गया.
8 फ़रवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद जो चेहरा सीएम पद के लिए दावेदार के रूप में सामने आ रहे थे उनमें प्रवेश वर्मा , विजेंद्र गुप्ता और सतीश उपाध्याय के नाम सामने आ रहे थे. हालाँकि इनमें प्रवेश वर्मा का नाम सबसे ज़्यादा सामने आ रहा था .
अब सवाल है कि ऐसे क्या कारण थे जिस वजह से रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाया गया और प्रवेश वर्मा जो कि नामो की चर्चा में सबसे आगे थे वो दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं बन पाए ?
रेखा गुप्ता को दिल्ली की मुख्यमंत्री बनाकर भाजपा ने कई राजनीतिक समीकरण साधने की कोशिश की है। दिल्ली समेत कई राज्यों में भाजपा की जीत में महिलाओं की अहम भूमिका रही है।
रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाकर पार्टी ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि वह महिला नेतृत्व को बढ़ावा दे रही है। दो महिला सांसदों के बाद दिल्ली की मुख्यमंत्री भी महिला ही होंगी। इसके साथ ही यह वैश्य समुदाय को खुश करने की भी कोशिश है।

रेखा गुप्ता को सीएम बनाने के पीछे के कारण –
रेखा के चयन के पीछे उनका विवादों से दूर रहना और संगठन से लेकर नगर निगम तक में अहम जिम्मेदारियां निभाना शामिल है।
कई अहम जिम्मेदारियां निभाने के बावजूद उन पर न तो भ्रष्टाचार का कोई आरोप है और न ही वह किसी बयान या अन्य वजह से विवादों में रही हैं।
वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा की मजबूत विचारधारा से जुड़ी रही हैं। एबीवीपी से अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाली रेखा दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ की सचिव और अध्यक्ष रहीं।
वह दिल्ली प्रदेश भाजपा युवा मोर्चा की सचिव, प्रदेश भाजपा की महासचिव और नगर निगम में तीन बार पार्षद रहीं।
वह निगम की कई समितियों में भी रह चुकी हैं। इस तरह उनके पास सांगठनिक और प्रशासनिक दोनों तरह का अनुभव है।
भाजपा ने महिला नेतृत्व को प्राथमिकता देते हुए रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है. पार्टी का यह कदम महिला वोटर्स को आकर्षित करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है. हाल ही में हुए दिल्ली चुनावों में महिला मतदाताओं की भागीदारी पुरुषों की तुलना में अधिक रही, जिसे भाजपा ने एक अवसर के रूप में देखा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपने भाषणों में महिला सशक्तिकरण पर जोर देते रहे हैं. वर्तमान में भाजपा की किसी भी राज्य में महिला मुख्यमंत्री नहीं है, इसलिए रेखा गुप्ता की नियुक्ति से भाजपा ने विपक्षी दलों को भी करारा जवाब दिया है.