अंशु ठाकुर , दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने अभी हाल में दिल्ली के पीतमपुरम इलाके में मेट्रो पिलर्स पर लगे हुए पोस्टर्स को हटाते हुए सबसे दिल्ली को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की अपील की . इसके साथ ही ये भी कहा कि सरकारी संपत्ति को गन्दा करना किसी का भी हक़ नहीं . और इसकी वजह से एक बार फिरसे अवैध पोस्टर और होर्डिंग्स पर प्रशासन सवालों के घेरे में है .
दिल्ली के रिहाइशी इलाकों से लेकर, मेट्रो पिलर से लेकर दिल्ली की हर दीवारों पर हर जगह बस पोस्टर और होर्डिंग्स ही दिखाई देते है. जिसने दिल्ली की दीवारों को बुरी तरह से गन्दा कर रखा है.
आपको बता दे कि एजेंसियों को चुनाव आयोग को रिपोर्ट भेजनी होती है जिससे यह पता चल सके कि चुनाव के दौरान कितने अवैध पोस्टर और होर्डिंग्स लगाए गए है. और उनके डाटा के अनुसार विधानसभा चुनाव में 18 लाख से ज़्यादा और लोकसभा चुनाव में 10 लॉक से ज़्यादा अवैध पोस्टर होर्डिंग्स को हटाया गया था.
दिल्ली में प्राथमिक तौर पर अवैध होर्डिंग्स व पोस्टरों को हटाने की ज़िम्मेदारी निगम के दो विभागों की है. इसके बावजूद पोस्टर्स और होर्डिंग्स को लेकर कोई भी कार्यवाही नहीं की जाती है.

कार्यवाही इसलिए भी नहीं हो पाती है क्यूंकि ज़्यादातर होर्डिंग्स और पोस्टर राजनितिक पार्टियों के होते है. इसमें पार्षद , विधायक और सांसद शामिल होते है.
क्योंकि निगम के अधिकारी इनके अधीन होते है. तो कर्मचारी इनके पोस्टर और होर्डिंग्स को नहीं हटाते है.
आपको बता दे कि दिल्ली में अवैध होर्डिंग्स और पोस्टर्स को लगाने पर जुर्माना भी है और अगर ऐसा किया जाता है तो इस पर एफआईआर का प्रावधान भी है. पर अगर नेताओं पर एफआईआर हो भी जाए तो ज़्यादा फर्क नहीं पड़ता क्यूंकि इसमें जुर्माने और सजा का बहुत कम प्रावधान है.
हालाँकि सीएम रेखा गुप्ता की सख्ती के बाद पीडब्लूडी एक्शन मोड में आयी और दिल्ली के कुछ इलाको में मेट्रो पिलर पर लगे पोस्टरों को हटाने का काम शुरू हो गया. इसके साथ ही विधायकों ने भी अपने अपने स्तर पर काम शुरू कर दिया है.
अब देखना ये होगा कि क्या और मुद्दों की तरह ये भी मुद्दा कुछ समय बाद ठन्डे बास्ते में ही रह जाएगा या फिर इस समस्या पर पूरी तरह से ध्यान दिया जाएगा .