अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
पत्नी कि गाला घोटकर हत्या के बाद शव को जलाने के केस में 20 साल बाद क्राइम ब्रांच ने उस फौजी को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के अनुसार आरोपी ने इस घटना को अंजाम देने के बाद दूसरी शादी कर ली थी. ये आरोपी इतना शातिर था कि अपनी सारी लेन देन कैश में करता था ताकि कोई इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस न रह जाए.
क्राइम ब्रांच डीसीपी आदित्य गौतम के मुताबिक 14 मई 1989 को अनिल कुमार तिवारी के खिलाफ दिल्ली कैंट थाने में पत्नी की हत्या का मामला दर्ज हुआ था. कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई . 21 नवंबर 2005 को हाई कोर्ट ने 2 सप्ताह की अवधि के लिए आरोपी को पैरोल दे दी. और इसी दौरान आरोपी फरार हो गया.
क्राइम ब्रांच को आरोपी के प्रयागराज में होने की जानकारी मिली. टीम वहां पहुंची , लेकिन आरोपी नहीं मिला. जिसके बाद उसे 12 अप्रैल को एमपी से पकड़ लिया गया.
आरोपी की पहचान अनिल के रूप में हुई . अनिल की शादी `1981 में रीवा , मध्य प्रदेश की लड़की से हुई थी. बाद में यह 1986 में दिल्ली कैंट में ऑर्डिनेंस कोर यूनिट में ड्राइवर के रूप में भारतीय सेना में शामिल हो गया. 18 साल तक सेना में सेवा की.
उसके वैवाहिक जीवन में मनमुटाव चल रहा था. इसी वजह से एक दिन आरोपी ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी . फिर उसे जलाकर मार डाला.इसके बाद आरोपी ने इस घटना को आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की . लेकिन जब घटनाओ का पूरा सेकवेन्स सामने आया तो आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया.