अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी
दिल्ली सरकार का राजधानी भर के फ्यूल स्टेशनों पर 1 अप्रैल से 15 साल पुरानी गाड़ियों को पेट्रोल-डीजल न देने का फैसला देरी से लागू हो सकता है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि सभी स्थानों पर जरूरी उपकरण अभी तक नहीं लगाए गए हैं. उन्होंने बताया कि सरकार एक सुचारू बदलाव सुनिश्चित करने के लिए प्रक्रिया में तेजी ला रही है.
उन्होंने ये माना कि कुछ स्थानों पर अभी भी जरूरी सुविधाओं का अभाव है, लेकिन इस बात पर जोर दिया कि इस काम को जल्द से जल्द पूरा करने के प्रयास चल रहे हैं. हम यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहे हैं कि जहां उपकरण नहीं हैं, वहां जल्द से जल्द लग जाएं.” उन्होंने ये भी कहा कि उचित प्रबंधन के बिना इसे शुरू करने के बजाय इसे विलंबित करना बेहतर है.
दिल्ली के मंत्री ने आगे कहा, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि दिल्ली के सभी फ्यूल स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे हों, जो रजिस्ट्रेशन के वर्ष के आधार पर गाड़ियों की आयु निर्धारित करेंगे. जो गाड़ियां मानदंडों को पूरा नहीं करेंगी, उसे फ्यूल नहीं दिया जाएगा और उन पर जुर्माना लगाया जाएगा.” प्रदूषण पर कंट्रोल के मद्देनजर बैन की घोषणा करते हुए मंत्री ने कहा था कि उपकरणों के इंस्टॉलेशन और सॉफ्टवेयर कनेक्शन 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा.

15 साल पुरानी गाड़ियों को फ्यूल न देने के नियम को लागू करने को लेकर समयसीमा के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने स्पष्ट करते हुए कहा, ”नीति को जल्द से जल्द लागू करने के प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन सभी नामित पेट्रोल पंप पूरी तरह से इस तरह की सुविधा से लैस होने में कुछ और दिन लग सकते हैं. उन्होंने कहा, “हम ऐसी स्थिति नहीं चाहते हैं जहां कुछ स्थानों पर ये नियम शुरू हो जाए और कुछ जगहों पर इसकी तैयारी न हो पाए. हमारा लक्ष्य पूर्ण कार्यान्वयन है.”
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने यह भी कहा कि वे वर्तमान में आकलन कर रहे हैं कि आने वाले दिनों में कितनी प्रगति हासिल की जा सकती है. रोलआउट टाइमलाइन पर अंतिम निर्णय आज रात तक होने की उम्मीद है.