Monday, April 7, 2025
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वक्फ संशोधन विधेयक 2025 आने के बाद से होंगे क्या बदलाव

वक्फ संशोधन विधेयक 2025 आने के बाद से होंगे क्या बदलाव

  • अंशु ठाकुर, दिल्ली दर्पण टीवी

वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और जवाबदेही लाने के लिए सरकार ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 पेश किया है। इस विधेयक के लागू होने के बाद कई अहम बदलाव देखने को मिलेंगे। आइए जानते हैं कि इस बिल से वक्फ संपत्तियों और बोर्डों पर क्या असर पड़ेगा।

सरकार का दावा है कि नए संशोधन के बाद वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण और प्रबंधन ज्यादा पारदर्शी होगा। क्यूंकि अब जिला कलेक्टर यह तय करेंगे कि कोई संपत्ति वक्फ है या नहीं।

आपको बता दे कि इससे पहले यह अधिकार वक्फ बोर्ड के पास था, जिसे लेकर विवाद होते रहे हैं।

इस विधयेक के तहत वक्फ बोर्ड कि शक्तियों को सुधारने और उनके औधौगिक और अनिवार्य ऑडिट की व्यवस्था की जायेगी.

राज्यसभा में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, “वक्फ बोर्ड एक वैधानिक निकाय है और वैधानिक निकाय में केवल मुसलमानों को ही क्यों शामिल किया जाना चाहिए? अगर हिंदू और मुसलमानों के बीच कोई विवाद है, तो उस विवाद को कैसे सुलझाया जाएगा?…वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिमों के साथ भी विवाद हो सकते हैं..वैधानिक निकाय धर्मनिरपेक्ष होना चाहिए और सभी धर्मों के लोगों का प्रतिनिधित्व होना चाहिए..”

राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि “आप जो कर रहे हैं, वह ठीक नहीं है। इससे देश में विवाद पैदा होंगे। आप विवाद के बीज बो रहे हैं. यह मुसलमानों के लिए ठीक नहीं है।

वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर काफी विवाद हुआ, सबने एक दुसरे पर जमकर हमलेबाज़ी की जिसके परिणाम स्वरुप लोकसभा में
12 घंटे से ज्यादा समय तक चली मैराथन चर्चा के बाद लोकसभा ने वक्फ विधेयक 2025 पारित कर दिया। स्पीकर ओम बिरला ने चर्चा पूरी होने के बाद वोटिंग करवाई। इस दौरान बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, वहीं विरोध में 232 वोट पड़े और इस तरह रात 2 बजे वक्फ संशोधन बिल लोकसभा से पास हो गया।

वहीँ राज्यसभा में भी बिल पर चर्चा पूरी होने के बाद देर रात 2 बजे के बाद वोटिंग कराई गई। इस दौरान सत्ता पक्ष बिल पास कराने में सफल रहा। वक्फ संशोधन बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े। इस तरह 12 घंटे से ज्यादा की चर्चा के बाद रात 2.32 बजे राज्यसभा से वक्फ विधेयक पारित हो गया।

अब हम नज़र डालते है इस पर कि आखिर वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के आने के बाद से क्या बदलाव होंगे.

  • जिन भी लोगों ने धर्म परिवर्तन कर अभी हाल में इस्लाम धर्म अपनाया है, और अभी जिन्हे मुसलमान बने 5 साल नहीं हुए , वो अपनी संपत्ति वक्फ को दान नहीं दे सकतेहै .
  • कोई भी व्यक्ति अपनी उस संपत्ति को ही दान में दे सकता है जो उसके नाम पर रजिस्टर्ड होगी.
  • वक्फ-अलल-औलाद के तहत अब वक्फ की सम्पत्तियों पर महिलाओं को भी उत्तराधिकारी बनाया जाएगा.
  • वक्फ पर दी जा रही ज़मीन का पूरा ब्यौरा अब ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड करना अनिवार्य है.
  • जिन सरकारी सम्पत्तियों पैट वक्फ अपना दवा करता था उस पर अब वक्फ का अधिकार नहीं होगा.
  • वक्फ बोर्ड में 10 मुस्लिम सदस्य होंगे, जिनमें से दो महिला का होना अनिवार्य है.वक्फ बोर्ड में शिया और सुन्नी दोनों संप्रदाय के मुसलमान शामिल होंगे.
  • सरकार ने शिया और सुन्नी दोनों ही सम्प्रदायों के लिए अलग अलग वक्फ बोर्ड बनाने का ऐलान किया है.
  • वक्फ बोर्ड की शक्ति पर अंकुश लगाया गया है और अब वक्फ ट्रिब्यूनल का फैसला अंतिम नहीं होगा, उसे रेवेन्यू कोर्ट, सिविल कोर्ट और हाईकोर्ट में चुनौती दी जा सकती है.
  • केंद्र और राज्य सरकारों के पास वक्फ बोर्ड के खातों का ऑडिट करवाने का अधिकार होगा, जिससे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को रोका जा सके.
  • वक्फ बोर्ड अब सरकार को कोई भी जानकारी देने से इंकार नहीं कर सकता है.

कुल मिलाकर, वक्फ संशोधन विधेयक 2025 वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को मजबूत और पारदर्शी बनाने का दावा करता है. लेकिन इस पर अलग-अलग राय भी सामने आ रही हैं. अब देखना यह होगा कि यह बिल पास होने के बाद वक्फ संपत्तियों का कितना सही इस्तेमाल हो पाता है.

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