दिल्ली- एक माँ को अपने बच्चो की सेहत का हमेशा ख़याल रहता है। और ऐसे में मैगी को ले कर उनकी चिंता बानी रहती है ,क्योंकी आज की युवा पीढ़ी के इस दौर में मैगी तो मानो जैसे आम बात हो गई है । हर कोई मग्गी का दीवाना है। आम लोगों के बीच स्वास्थ्य का ख्याल रखने को लेकर लगातार जागरूकता बढ़ रही है। इसी को देखते हुए नेस्ले ने मैगी को और भी सेहतमंद बनाने का फैसला लिया है। स्विस फूड कंपनी नेस्ले ने कहा है कि वह आने वाले 12 से 18 महीनों के भीतर मैगी में सैल्ट कॉन्टेंट को 10 फीसदी तक कम कर देगी । कंपनी के मुताबिक पिछले कुछ सालों के दौरान कंपनी ने मैगी में इसकी मात्रा को 33 फीसदी तक कम किया है । इंस्टैंट नूडल मैगी कंपनी का सबसे अहम ब्रांड है । कंपनी के भारत के पोर्टफोलियो के ग्रोथ में इसकी 35 फीसदी भागीदारी रही है। इसके अलावा नेस्ले इंडिया का फोकस अब हायपरलोकल मॉडल के आधार पर मार्केटिंग और वितरण करने पर है. कंपनी का मानना है कि इससे उनकी कंपनी का ग्रोथ ज्यादा रफ्तार से होगा. अपनी इस रणनीति को जमीन पर उतारने के लिए नेस्ले ने पूरे देश को 15 हिस्सों में बांट दिया है. इन्हें स्थानीय ग्राहकों की रुची को ध्यान में रखकर बांटा गया है. इससे पहले कंपनी ने पिछले साल सैल्ट कॉन्टेंट की मात्रा कम कर इसमें आयरन बढ़ाय था । हांलकि अब सिर्फ नेस्ले ही नहीं, बल्कि अन्य कई फूड कंपनियां भी इस तरफ कदम उठा रही हैं । ये कंपनियां भी अपने उत्पादों को स्वास्थ्य के लिए कम हानिकारक या उन्हें स्वास्थ्यवर्धक बनाने पर सबसे ज्यादा ध्यान दे र ही हैं । नेस्ले से पहले कोक और पेप्सिको ने भी अपने बिजनेस का फोकस कोला से निकालकर प् रीमियम उत्पादों की तरफ शिफ्ट कर दिया है। कोक पहले ही कह चुकी है कि वह अपने पोर्टफोलियो में शुगर कॉन्टेंट को काफी कम करेगी ।