राजनैतिक निरपराधिकरण पर सुप्रीम कोर्ट की चिंता और संसद को कानून बनाने की सलाह दिए जाने का भारतीय मतदाता संघठन ने स्वागत किया है पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि भारत सरकार इस पर तुरंत ऑर्डिनेंस जारी करे। नयी दिल्ली में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मतदाता संघठन ने कहा यदि यह काम 2019 के काम चुनावों से पहले नहीं किया तो इसके परिणाम बेहद घातक होंगे।
गौरतलब है की माननीय सुप्रीम कोर्ट ने 25 सितम्बर को इस विषय पर दिए अपने फैसले में कहा की ” राजनीती में अपराधी कैंसर की तरह है ,–संसद को कानून बनकर इसका इलाज करना चाहिए। ” सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी और संसद को कानून बनाने की सलाह का भारतीय मतदाता संघठन ने स्वागत किया है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है की वह इस विषय पर तुरंत एक सक्षम ऑर्डिनेंस जारी करे। नयी दिल्ली में पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए भारतीय मतदाता संघठन प्रमुख डॉ रिखब चंद जैन ने कहा राजनीति में धनबल और बाहुबल के बढ़ते प्रभाव की वजह से अच्छे लोग राजनीती में आने से परहेज कर रहे है।
इस विषय पर संवाददाताओं के सवालों का जबाब देते हुए भारतीय मतदाता संगठन महासचिव अधिवक्ता विमल बधावन ने चिंता जाहिर करते हुए कहा की यदि 2019 के आम चुनाव से पूर्व संसद ने कानून नहीं बनाया तो अपराधियों की संख्या संसद और विधान सभा में 50 प्रतिशत से ज्यादा हो जाएगी। अगर ऐसा हुआ तो फिर इस पर कानून बनाना भी मुश्किल हो जाएगा।
नयी दिल्ली में हुयी संवाददाता सम्मलेन में संघठन के प्रमुख लोगों ने मीडिया के जरिये देश के तमाम सेलिब्रेटी और बुद्धिजीवियों से भी अपील की है कि वे इस दिशा में अपने अपने स्तर पर बयान जारी कर राजनैतिक पार्टियों पर दबाब बनाएं ताकि इस पर जल्द से जल्द कानून बनाया जा सके। मतदाता संघठन ने कहा की वह जल्द ही इस पर सर्व दलीय मीटिंग कर आम सहमति बनाने के प्रयाश भी करेगा। इस इस सम्मेलन में संघठन से जुड़े अधिवक्ता शिल्पी जैन , दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री रमाकांत गोस्वामी भी मौजूद थे। पत्रकारों ने इस विषय पर संघठन से मतदातों और चुनाव सुधार के विषय में सवाल भी पूछे। इनमें ईवीएम से सवाल पर मतदाता संघठन प्रमुख ने चुनाव आयोग और ईवीएम पर पूरा भरोसा जताया।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजनीति में अपराधियों बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त किये जाने के बाद देशभर में चुनाव सुधार की दिशा में काम कर रही भारतीय मतदाता संघठन जैसी संस्थाओं को भी लगाने लगा है कि इस लॉ बनाने का काम संसद को ही करना है। लेकिन सवाल यह है की लॉ मेकर्स में लॉ ब्रेकर्स यदि ज्यादा तादाद में होंगे तो उनसे क्या उम्मीद की जाये। लिहाज़ा यही वजह है कि मतदाता संघठन देश के मीडिया और सेलिब्रेटी जगत से अपील कर रहा है की वे देश हित में अपने-अपने स्तर पर मुहीम चलाएं ताकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के ही कार्यकाल में ऐसा कानून बन जाये की राजनीती में गंभीर अपराध के आरोपी संसद और विधान सभा में न पहुंचे पाए।