दिल्ली विधानसभा चुनाव में दिल्ली का बाहरी क्षेत्र हमेशा ही चर्चा में रहता है । नरेला विधानसभा क्षेत्रफल के हिसाब से सबसे बड़ा विधानसभा क्षेत्र है और यहाँ आम आदमी पार्टी प्रत्याशी शरदचौहान और बीजेपी के नीलदमनखत्रि के बीच काँटे की टक्कर मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुंडू भी पूरी शक्ति के साथ अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं लेकिन मुख्य मुकाबला तो बीजेपी और ‘आप’ के बीच ही है । नरेला से मौजूदा विधायक शरदचौहान दोबारा जनता के बीच हैं और उन्हें अपने किये विकास कार्यों पर इतना भरोसा है कि वो स्पष्ट कहते हैं ,कि अबकि बार जनता वोट, उनके काम को देगी । इतने आत्मविश्वास से ताल ठोकने के पीछे कुछ वाजिब कारण भी हैं । इनका कहना है कि दिल्ली के ग्रामीण क्षेत्रों में शुमार नरेला में सबसे ज्यादा लोगों को दिल्ली सरकार की योजनाओं का लाभ मिला । सबसे ज्यादा तीर्थ यात्रा के लिये लोग यहीं से गए और महिलाओं को निशुल्क बस सेवा का लाभ भी ग्रामीण क्षेत्र होने की वजह से यहीं मिलता है । सकूलों की संख्या भी यहाँ ज्यादा है लिहाजा इन स्कूलों की व्यवस्था में भी सुधार हुए हैं । सड़क, नालियाँ , गालियाँ और मोहल्ला क्लीनिक| नरेला से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी शरदचौहान के पास तमाम ऐसे कामों की फ़ेहरिस्त है जिसकी बदौलत वो जनता के बीच दोबारा समर्थन माँगने के लिये उतरे । जनता आम आदमी पार्टी के द्वारा किये कामों को पहचान भी रही है और अपनी पसंद भी बता रही है । वहीं बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी भी अपनी तरफ से पुरजोर कोशिश कर रहे हैं की किस तरह से वो मौजूदा विधायक के विजयिरथ को रोक सकें और अपनी स्थिति को मज़बूत कर सकें । शनिवार आठ फरवरी को इन सभी प्रत्याशियों की क़िस्मत ईवीएम में बंद हो जाएगी और नतीजों का पिटारा 11 फरवरी को खुलेगा । ऐसे में देखने वाली बात होगी कि नरेला की जनता इन तीनों प्रत्याशियों में से जीत का सेहरा किसके सर बाँधती है ।