Friday, November 22, 2024
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किसके भरोसे दिल्ली के झुग्गी वाले ?

योगेंद्र कुमार / शिवानी मोरवाल, दिल्ली दर्पण टीवी

सुप्रीम कोर्ट द्वारा रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों को 3 महीने के अंदर हटाने के आदेश दिए गए | जिस पर अब कांग्रेस अपनी सियासी रोटी सेकने में लगी हुई है| दिल्ली के शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बनी हुई झुग्गियों में कांग्रेसी नेता हरिकिशन जिंदल और एआईसीसी मेंबर मुदित अग्रवाल पहुंचे| जहां उन्होंने झुग्गी वालों से बातचीत करी और सुप्रीम कोर्ट में अपील करके उनके आशियाने को बचाने का आश्वासन दिया. इस दौरान कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार और केजरीवाल सरकार को आड़े हाथों लिया |

सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले पर उठाया सवाल

रेलवे के किनारे बसी हुई झुग्गियों को हटाने के फैसले पर आप कांग्रेसी नेता भी पूरी तरीके से फ्रंट पर आकर खड़े हो गए हैं और इस फैसले का विरोध कर रहे हैं इसी मुद्दे को लेकर के कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल अपने कई साथियों के साथ शालीमार बाग रेलवे लाइन के किनारे बसी हुई झुग्गियों में पहुंचे. जहां उन्होंने लोगों के बीच में सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले को गलत बताते हुए उनसे अपील करके इस फैसले को रुकवाने की भी बात कही साथ ही साथ उन्होंने यह तक कह डाला कि सुप्रीम कोर्ट के जज खुद इन झुग्गियों में आकर देखें अब तक फैसला सुनाने वालों को झुग्गी में रह रहे गरीबों का दर्द पता चलेगा.

केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार को जमकर लिया आड़े हाथों

कांग्रेस इस मुद्दे को पूरी तरीके से भुनाने में जुट गई है और यही वजह है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा झुग्गियों को हटाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए कांग्रेसी नेता शालीमार बाग में बनी हुई रेलवे लाइन के किनारे बसी झुग्गियों में पहुंचे .जहां उन्होंने लोगों से सीधी बातचीत करें इस दौरान कांग्रेसी नेता मुदित अग्रवाल ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों को ही जमकर आड़े हाथों लिया उन्होंने कहा कि इन दोनों सरकारों ने कहा था,जहां झुग्गी वही मकान लेकिन चुनाव खत्म होने के बाद दोनों सरकार हैं जो कि वालों से किए हुए इस वादों को भूल गई जिसके चलते लोगों को अपने आशियाने तक से हाथ धोने की नौबत सामने आ गई है. जिसके जिम्मेदार केंद्र और दिल्ली की सरकार है जिन्होंने मकान देने का वादा किया लेकिन उसे पूरा नहीं किया.

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