डिम्पल भारद्वाज, संवाददाता
वज़ीरपुर, उत्तरी दिल्ली || राजधानी के सबसे प्रदुषित क्षेत्र में शुमार वज़ीरपुर इंडस्ट्रीयल एरिया में आए दिन आग लगने की वजह से क्षेत्र में लगातार प्रदुषिण का स्तर बढ़ता ही जा रहा है। समस्या यह है की फैक्ट्री मालिक फैक्ट्री वेस्ट आस-पास के खुले मैदानों में डाल जाते हैं ।
जिस में कभी तो स्वत: ही आग लग जाती है। और कभी स्थानीय लोग कूड़े के ढेर को कम करने लिये इस कूड़े में आग लगा देते हैं। लेकिन इन सबके बीच सबसे ज्यादा मशक्त करनी पड़ती है तो वह हैं दमकलकर्मी।
जी हां दमकल कर्मियों की माने तो लगभग रोज़ाना ही उन्हें वज़ीरपुर इंडस्ट्रीयल एरिया से आग लगने की कॉल आती है जिसके तुरंत बाद वह आग भुजाने के लिये निकल पड़त हैं। तो वहीं स्थानीय लोगों का कहना है की रोज़ाना आग लगने के कारण घर के बड़े बुजुर्गों की सेहत लगातार खराब हो रही है। छोटे बच्चों को अस्थमा जैसी बिमारियों से जुझना पड़ रहा है।
लेकिन प्रसाशन इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाता। ऐसे में सोचने का विषय यह है की दिल्ली सरकार यूं तो प्रदुषण के विरुध जंग लड़ रही है लेकिन रोज़ाना लगने वाली आग पर कोई ठोस और कड़े कदम क्यों नहीं उठाती ? क्या दिल्ली सरकार केवल कागज़ों और दिखावे के लिये काम कर रही है ? या फिर दिल्ली सरकार को इससे कोई सरोकार ही नहीं है यह एक सोचने का विषय ज़रुर है।