संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी
नई दिल्ली।। दिल्ली के सेक्टर 9 स्थित संगम अपार्टमेंट में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश से अवैध निर्माण को तोड़ने की कार्यवाही शुरू हो गई है। अपार्टमेंट में अप्रूवल सेंक्शन प्लान और बिल्डिंग बाय लाज को ताक पर रख कर 135 फ्लैटों में बालकोनी आगे बढा कर बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण कराया गया।इस अवैध निर्माण के खिलाफ अपार्टमेंट के निवासी प्रभुनाथ गुप्ता ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। अवैध निर्माण के चलते उनके फ्लैट को नुकसान पहुंचा था। गुप्ता ने सबूत के तौर पर अवैध निर्माण की फोटो भी संलग्न करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।
याचिका में उत्तरी नगर निगम और अन्य के रूप में सोसायटी के पदाधिकारियों को आरोपी बनाया गया। याचिका में कहा गया था कि अवैध निर्माण से उनके फलैट में दरारें आ गई और नुकसान पहुंचा है। इस बहुमंजिला अपार्टमेंट में स्टील के फ्रैम लगाकर बालकोनी को आगे बढा दिया गया था।इससे पहले प्रभुनाथ गुप्ता ने सोसायटी पदाधिकारियों से कहा था कि वे भवन को सुरक्षित बनाइए लेकिन सोसायटी ने कोई ध्यान नहीं दिया। प्रभुनाथ गुप्ता खुद इंजीनियर हैं और स्ट्रक्चर एक्सपर्ट हैं।
कहा गया कि इस अवैध निर्माण से प्रार्थी को ही नहीं, अन्य फ्लैट मालिको को भी नुकसान पहुंचा लेकिन बालकोनी के रूप में स्पेस मिलने से अन्य लोग चुप हो गए। प्रभुनाथ गुप्ता पर हमला भी किया गया जिसकी रिपोर्ट थान में दी गई। गुप्ता हमला करने वाले अपार्टमेंट के पदाधिकारियों को जानते हैं लेकिन रिपोर्ट में उनका नाम नहीं लिखा गया।प्रभुनाथ गुप्ता अपनी सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट गए और हाईकोर्ट की ओर से डीसीपी को उनकी सुरक्षा प्रदान करने के आदेश दिए गए।आरोप है कि इस अवैध निर्माण में स्थानीय नेताओं से लेकर नगर निगम के अधिकारियों तक पैसा पहुंचा है। पैसा अपार्टमेंट में रहने वालों से लिया गया।
असल में लगभग हर अपार्टमेंट में अवैध निर्माण के खेल होते हैं लेकिन समस्या यह है कि अवैध निर्माणो के चलते सोसाइटियों में सुरक्षा का सवाल उठ खड़ा होता है, आग लगने पर फायर टेड़र आसानी से नही पहुच पाते और इससे जान-माल के नुकसान की आशंका रहती है इसलिए अवैध निर्माणो पर सख्ती से रोक लगनी चाहिए