Friday, November 22, 2024
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कोविड-19, सभ्‍यता का संकट और समाधान कैलाश सत्यार्थी ने किया पुस्तक का लोकार्पण

संवाददाता, दिल्ली दर्पण टीवी

नई दिल्ली।। नोबेल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित जानेमाने बाल अधिकार कार्यकर्ता  कैलाश सत्‍यार्थी की पुस्‍तक कोविड-19, सभ्‍यता का संकट और समाधान, का लोकार्पण भारत के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश न्‍यायमूर्ति दीपक मिश्रा ने किया। राज्‍यसभा के उपसभापति  हरिवंश के विशिष्‍ट आतिथ्‍य में इस समारोह का आयोजन किया गया। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्‍तक का लोकार्पण ऑनलाइन माध्‍यम से संपन्‍न हुआ।पुस्‍तक के लोकार्पण समारोह का संचालन प्रभात प्रकाशन के निदेशक प्रभात कुमार ने किया, जबकि धन्‍यवाद ज्ञापन पीयूष कुमार ने किया।

कोविड-19, सभ्‍यता का संकट और समाधान, पुस्तक में कोरोना महामारी के बहाने मानव सभ्‍यता की बारीक पड़ताल करते हुए यह बताने की कोशिश की गई है कि मौजूदा संकट महज स्वास्थ्य का संकट नहीं है, बल्कि यह सभ्यता का संकट है। पुस्‍तक की खूबी यह है कि यह संकट गिनाने की बजाय उसका समाधान भी प्रस्‍तुत करते चलती है। ये समाधान भारतीय सभ्यता और संस्कृति से उपजे करुणा, कृतज्ञता, उत्तरदायित्व और सहिष्णुता के सार्वभौमिक मूल्यों पर आधारित हैं। भारत के पूर्व मुख्‍य न्‍यायाधीश दीपक मिश्रा ने इस पुस्‍तक को महत्वपूर्ण और अत्यंत सामयिक बताते हुए कहा कि पुस्‍तक सरल और सहज भाषा में एक बहुत ही गहन विषय को छूती है। इस महत्वपूर्ण पुस्‍तक का अंग्रेजी सहित अन्‍य भाषाओं में भी अनुवाद किए जाने की जरूरत है ताकि इसका लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके।

महज 130 पृष्‍ठों की लिखी इस पुस्‍तक को पढ़कर अर्नेस्‍ट हेमिंग्‍वे के मात्र 84 पृष्‍ठों के उपन्‍यास ओल्‍ड मैन एंड द सी की याद आना अस्‍वाभाविक नहीं है, जिसमें एक बड़े फलक के विषय को बहुत ही कम शब्‍दों में समेटा गया है। हेमिंग्‍वे को ओल्‍ड मैन एंड द सी, के लिए नोबेल पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया था। कैलाश जी की यह किताब उनके सामाजिक.राजनीतिक इंजीनियर के रूप को भी हमारे सामने प्रकट करती है। महान संस्‍कृत कवि भवभूति ने समाज सेवा को ही मानवता की सेवा कहा है। कैलाश जी इसके ज्‍वलंत उदाहरण हैं। यद्यपि पुस्‍तक गद्य में लिखी गई है लेकिन इसकी सुगंध कविता जैसी है। जिस दर्द की भाषा का हम प्रयोग करते हैं वह भाषा इस पुस्‍तक में मिलती है। इस अवसर पर पूर्व मुख्य न्यायाधीश ने कैलाश जी के कवि रूप की प्रशंसा की और पुस्तक में शामिल श्री सत्यार्थी की कविताओं को उद्धृत करते हुए उसकी दार्शनिक व्याख्या भी की।

राज्‍यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी पुस्तक की महत्ता को रेखांकित करते हुए कहा कि कोविड संकट के दौर में इस पुस्‍तक का लिखा जाना मानव सभ्‍यता के इतिहास में एक नया अध्‍याय का जोड़ा जाना है। इस पुस्तक के माध्यम से बहुत ही बुनियादी लेकिन महत्वपूर्ण सवालों को उठाया गया और उनका समाधान भी प्रस्तुत किया गया है।यह सही है कि कोविड-19 का संकट महज स्‍वास्‍थ्‍य का संकट नहीं है बल्कि यह सभ्‍यता का संकट है। समग्रता में इसका समाधान करुणा, कृतज्ञता, उत्‍तरदायित्‍व और सहिष्‍णुता में निहित है, जिनका उल्‍लेख कैलाश जी अपनी पुस्तक में करते हैं। उन्‍होंने करुणा, कृतज्ञता, उत्‍तरदायित्‍व और सहिष्‍णुता की नए संदर्भ में व्‍याख्‍या भी की है, जिनका यदि हम अपने जीवन में पालन करें तो समाधान निश्चित है।

फिलहाल वे दुनिया की अमीर सरकारों से हाशिए के बच्‍चों को कोरोना महामारी संकट से उबारने के लिए फेयर शेयर फॉर चिल्ड्रेन नाम से अभियान चला रहे हैं। जिसके तहत वे बच्चों की आबादी के हिसाब से कोरोना संकट से उबरने के लिए अमीर सरकारों द्वारा दिए गए अनुदान में से उनके लिए हिस्सा मांग कर रहे हैं। इससे पहले भीउनकी हिंदी और अंग्रेजी में 5 पुस्‍तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें से कुछ का विदेशी भाषाओं में अनुवाद भी प्रकाशित हुआ है।

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