Friday, November 22, 2024
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अशोक विहार- क्या हुआ जब श्रम कार्यालय के बाद “आप ” कार्यकर्ता के दफ्तर में भी मनीष सिसोदिया ने मारा छापा 

-दिल्ली दर्पण टीवी 

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया नायक फिल्म के अंदाज में यूँ तो अक्सर छापा मारी करते दिखाई देते है ,लेकिन अशोक विहार स्थित Delhi Labor Office में उन्होंने दूसरी बार ऑन कैमरा छापा मारा और इस बार भी श्रम कार्यालय के 4 कर्मचारी बर्खास्त करने के आदेश दिए। घटना 21 जुलाई की दोपहर करीब डेढ़ बजे से दो बजे की है। स्थानीय पुलिस के साथ पहुंचे मनीष सिसोदिया ने पाया की लेबर कार्ड ऑफिस के कर्मचारी और दलाल मिलकर भ्र्ष्टाचार में लिप्त है। उन्होने रजिस्टर चेक किया तो भारी अनियमितता पायी और चार कर्मचारियों पर सख्त करवाई के आदेश दिए। 

मनीष सिसोदिया यही नहीं रुके वे दफ्तर से कुछ दूरी पर बुनकर कॉलोनी पर एक ऑफिस के बहार “यहाँ लेबर कार्ड बनवाये जाते है ” का बोर्ड देखकर रुके ये फिर उन्हें कोई सूचना थी पर अचानक घुस गए। यह ऑफिस आम आदमी पार्टी के ही एक कद्दावर कार्यकर्ता प्रदीप कोली का था। उस वक्त प्रदीप कोली अपने ऑफिस में नहीं थे। मनीष सिसोदिया ने उनके कर्मचारी से पूछताछ की। कर्मचारी से जो पूछता गया उसने सब बता दिया। कर्मचारी ने प्रदीप को भी फ़ोन कर इस बात की जानकारी दे तो  जबाब में प्रदीप ने कहा की उन्हें जांच करने दो और पूरा सहयोग करो। 

मनीष सिसोदिया करीब आधा घंटे तक ऑफिस के रजिस्टर को देखते रहे , पूछताछ करते रहे ,वहां मौजूद लोगों से पूछा की उन्हें कार्ड बनवाने के लिए कितना समय बोला है। इस पर जबाब मिला की वे ऑनलाइन आवेदन करते है,जो भी समय लगता है दिल्ली सरकार के विभाग की वेबसाइट पर निर्भर करता है। यहाँ उन लोगों की मदद की जाती है जिन्हे ऑनलाइन प्रोसेस नहीं पता होता या फिर जिनके पास कंप्यूटर नहीं होता। एक तरह से साइबर कैफ़े की तरह काम होता है। कई लोग तो ऐसे भी मिले जीने कोई पैसा लिया ही नहीं गया। 

प्रदीप कोली ,मंत्री दिल्ली सरकार राजेन्द्र पाल गौतम के साथ 

पूरी छापेमारी के दौरान मनीष सिसोदिया को वहां कुछ भी नहीं मिला और ना ही प्रदीप कोली ने यह बताया की वे खुद भी आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता है। लेकिन प्रदीप कोली इस छापेमारी से बेहद खुश है। प्रदीप कोली का कहना ही की आम आदमी पार्टी भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं करती। यह स्वीकार किया कि अशोक विहार फेज -4 स्थित श्रम कार्यालय में गरीब मजदूरों से पैसे लेकर कार्ड बनाये जाते है। यही सब देखकर उन्होंने यह कार्यशुरु किया और नाममात्र के शुल्क पर उन्हें सरकारी सेवाओं की सभी ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराते है। उनका का केवल ऑनलाइन आवेदन करना होता है। ऑनलाइन आवेदन करने से दलालों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता और उन्हें तय समय में काम पूरा करना ही होता है।

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