काव्या बजाज
कोरोना महामारी के 2 साल बाद अब देश भर में रामलीला का आयोजन किया गया है। राजधानी दिल्ली में भी कई जगह पर छोटे से लेकर बढ़े स्तर पर रामलीला का मंचन किया गया। जिसका जायजा लेने के लिए दिल्ली दर्पण टीवी की टीम अशोक विहार फेस 1 की रामलीला में पहुँची, जहां पर बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक रामलीला का लुफ्त उठाते दिखे।
मेला रहा मुख्य आकर्षण
अशोक विहार फेज 1 में रामलीला के साथ – साथ वहां लगने वाला मेला लोगों के लिए मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। मेले में लगने वाले झूले, और अलग – अलग राज्य की प्रदर्शनियों को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ उमड़ती नज़र आई। वहां मौजूद लोगों से हमने बात की तो उन्होंने बताया कि झूले और इन प्रदर्शनियों की वजह से उनका और खासकर बच्चों का आकर्षण और ज्यादा बढ़ गया है। 2 साल बाद रामलीला का आयोजन हुआ है जिसकी वजह से इस बार रामलीला का क्रेज ज्यादा है।
तो वहीं कुछ लोगों का कहना यह भी था कि महामारी की वजह से छोटे बच्चों की जिंदगी सिर्फ एक घर में सिमट कर रह गई थी। कई ऐसे बच्चे भी है जिन्होंने कभी रामलीला और मेला नहीं देखा, उन सभी को अब नई चीज़े जानने का और देखने का मौका मिला हैं। जिसको देख कर लगता है कि जिंदगी अब पटरी पर आने लगी है।
रामलीला में मिली पुरानी दिल्ली की महक
रामलीला में लगा मेला तो आकर्षण का केंद्र था ही लेकिन वहां पर मौजूद खाना भी लोगों को लुभाने से पीछे नहीं रहा। आपको बता दें कि पुरानी दिल्ली के मशहूर छोटे लाल केटर्स के स्टॉलस रामलीला में पिछले 5 सालों से लगाए जा रहे है। यानी अब लोगों को मशहूर काठी कबाब खाने के लिए पुरानी दिल्ली जाने की जरूरत नहीं है। काठी कबाब के साथ साथ उनकी कई फूड आइटम्स का लुफ्त अब अशोक विहार फेज 1 की रामलीला में उठाया जा सकता है।
दिल्ली के कई चटोरे तो इस चक्कर में रामलीला में जाते हैं कि वहां रामलीला देखने के साथ साथ उन्हें अलग – अलग तरह के पकवान खाने का मौका मिल जाएगा जो इस रामलीला में देखने को भी मिला। वहा पर आए खाने के शौकीन लोगों ने बताया कि बीते 2 साल से उन्हें इंतजार था कि कब रामलीला का आयोजन होगा और कब उन्हें एक ही जगह पर अलग – अलग तरह के पकवान खाने का मौका मिलेगा।