अमरीष कुमार
कई जिलों मे सिजनली बुखार व फ्लू को निजी जांच घर में डेंगू का पॉजिटिव रिपोर्ट बताया जा रहा है और अपेक्षाकृत कम प्लेटलेट का रिपोर्ट बताकर ज्यादातर लोगों को डेंगू रोग बताया जा रहा है,जबकि उसी डेंगू पोजेटिव रोगी के रिपोर्ट को सरकारी अस्पताल मे डेंगू रिपोर्ट निगेटिव बताया जा रहा है।
जानकार लोगों का कहना है कि डेंगू जांच किट मे गड़बरी है और हर सौ जांच किट मे बीस से तीस फीसदी जांच रिपोर्ट मे गलत रिपोर्ट मिल रहा है। जांचघर वाले जानबूझकर घटिया क्वालिटी बाला जांच किट मंगाते है कि ताकि रोगी को बार बार प्लेटलेट्स की जांच की जानीकारी हेतू बार बार हमारे यहां जांच कराते रहे और इसी बहाने रोग के नाम पर कमाते रहें। इसी तरह के जांच गलत रीपोर्ट के आधार पर रोगी वेहतर ईलाज हेतू निजी क्लिनिक व अस्पताल मे भयवश भर्ती भी हो रहे हैं ,वहां भी रोगी का आर्थिक शोषण हो रहा है।
जानकर डाक्टर का कहना है कि सभी तरह के बुखार लगने पर प्लेटलेट कम हो जाता है और सभी बुखार डेंगू नही हो सकता है और डेंगू का विशेष इलाज नही, बल्कि वही बुखार बाली दवा बिटामीन सी ,जरुरत पड़ने पर स्लाईन और प्लेटलेट गिरना जारी रहने पर न्यूनतन स्तर पर प्लेटलेट्स पहुंचने पर प्लेटलेट्स चढाया जाता है।प्लेटलेट्स को खून से हर शहर मे अलग करने की व्यवस्था नही है।अगर जहां प्लेटलेट्स अलग करने की व्यवस्था नही है,वहां डेंगू पेसेट्स के ग्रूप का ब्लड चढ़ाया जा सकता है।
डेंगू से पीड़ित रोगी को नींबू पानी,पपीता के पत्ता बाला जूस और बकरी का दूध कारगर साबित होता है।कीबी फल और नारियल पानी भी फायदेमंद होता है।
बहुत लोगों को वास्तव में डेंगू का शिकार भी हुए है और हो भी रहे हैं,इससे इंकार नहीं किया जा सकता है।डेंगू से बचाव संबंधित सावधानियां और उपाय जारी रहनी चाहिए।
इस तरह से राज्य में डेंगू बुखार के नाम पर अफरातफरी का माहौल व्याप्त हो गया है,इससे निपटने के लिए *सरकारी समेत सभी निजी क्लीनिकों और जांच घर की सभी तरह का जांच रिपोर्ट पॉजिटिव या नेगेटिव हो,उसे ऑनलाइन करना अनिवार्य करने के लिए एक वेबसाइट सरकार को जारी करना चाहिए * ,ताकि सरकार व स्वास्थ्य विभाग को राज्य मे फैल रही सभी बीमारियों के बारे मे सही सही जानकारी मिल सके। अतः सरकार को वेवसाईट जारी कर सभी मेडिकल जांच केंद्रों का रिपोर्ट ऑनलाइन किया जाना चाहिए।