सीबीएसई के रिजल्ट में 12वीं का 5 प्रतिशत तक गिरा तो 10वीं का 4.57 बढ़ा
आतिशी ने शिक्षा मंत्री बन संभाल लिया है मनीष सिसोदिया का शिक्षा सुधार का मिशन
चरण सिंह राजपूत
दिल्ली में सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर सुधारने वाले उप मुख्यमंत्री रहे मनीष सिसोदिया के शराब घोटाले के मनी लांड्रिंग मामले में जेल में जाने के बाद सीबीएसई के रिजल्ट पर कोई खास असर नहीं पड़ा है।10वीं के रिजल्ट में यदि सुधार हुआ है तो 12वीं के रिजल्ट में गिरावट आई है। मतलब मनीष सिसोदिया के जेल जाने के बाद शिक्षा मंत्री बनीं आतिशी ने स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह से संभाल ली है। यह भी कहा जा सकता है कि दिल्ली सरकारी स्कूलों के सुधार के लिए मनीष सिसोदिया ने जो अभियान चलाया था आतिशी उसे मुस्तैदी के साथ संभाल लिया है।
यह दिल्ली सरकारी स्कूलों का बेहतर रिजल्ट ही है कि खुद मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने छात्रों और शिक्षकों की तारीफ करते हुए सरकारी स्कूलों के छात्रों के लोहा मनवाने और शिक्षा में क्रांति लाने की बात कही है।
दरअसल सरकारी स्कूलों का 10वीं का परिणाम बीते वर्ष की तुलना में 4.57 बढ़ा है तो 12वीं का 5 फीसद तक गिरा है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 2022 में 12वीं का रिजल्ट 96.29 फीसद था तो 2023 में 91.59 रहा। मतलब 12वीं के रिजल्ट में 5 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। जहां तक 10वीं के रिजल्ट की बात है तो 2022 में 10वीं का रिजल्ट 81.27 फीसद था तो 2023 में 85.84 फीसद रहा है। मतलब 10वीं के रिजल्ट में सुधार हुआ है।
दरअसल मनीष सिसोदिया के जेल जाने पर उनकी जमानत के लिए आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की शिक्षा प्रभावित होने की भी बात कही थी। अब सीबीएसई के 10वीं और 12वीं के रिजल्ट के बाद यह कहा जा सकता है कि मनीष सिसोदिया के जेल जाने से दिल्ली सरकारी स्कूलों के शिक्षा स्तर पर कोई असर नहीं पड़ा है। आतिशी ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह से संभाल ली है। यदि देशभर के सरकारी स्कूलों की बात करें तो 12वीं का रिजल्ट 83.83 तो 10वीं का 80.38 प्रतिशत रहा। इस वर्ष दिल्ली सरकार के 118 स्कूलों का रिजल्ट 100 प्रतिशत रहा है। 647 स्कूल ऐसे हैं जिनका परिणाम 90 प्रतिशत से अधिक रहा है। इसे दिल्ली के सरकारी स्कूलों की उपलब्धि माना जा रहा है। खुद अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट कर सरकारी स्कूलों के शिक्षकों और विद्यार्थियों की तारीफ की है।
उधर शिक्षा मंत्री आतिशी ने दिल्ली के सरकारी स्कूल देश में अव्वल बताये हैं। आतिशी ने छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा है कि एक बार फिर से दिल्ली के सरकारी स्कूलों ने साबित कर दिया है कि वे देश में सबसे आगे हैं। उन्होंने दिल्ली के अच्छे रिजल्ट के लिए शिक्षकों और छात्रों की कड़ी मेहनत को श्रेय दिया है। आतिशी ने यह भी कहा कि इतिहास में पहली बार दिल्ली सरकार के स्कूलों के दो लाख से अधिक बच्चों ने 12 बोर्ड की परीक्षा दी थी जो गत वर्ष की तुलना में 72 प्रतिशत से अधिक है।
हालांकि गत साल की तरह ही इस साल भी निजी स्कूल सरकारी स्कूलों पर भारी रहें। 10वीं में निजी और सरकारी स्कूलों के पास प्रतिशत में 14.89 प्रतिशत का अंतर रहा। 12वीं के परिणामों 4.12 रहा।
दरअसल दिल्ली के शिक्षा मॉडल के बल पर अरविन्द केजरीवाल ने न केवल देश बल्कि विदेश में भी एक अलग छाप छोड़ी है। पंजाब में सरकार बनाने में भी दिल्ली के शिक्षा मॉडल का बड़ा योगदान रहा है।