Friday, November 22, 2024
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पूर्व होमगार्ड हरकेश की दास्तान-ए-बेबसी

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आँखों में बेबसी…पैर टूटने से भारी काम करने में परेशानी…और गुजारा के लिए कांपते हाथों में प्रेस थामने की मजबूरी…ये पहचान है वर्ष 1993 में विभाग से ईनाम पाने वाले होमगार्ड के पूर्व जवान हरकेश सिंह का….हरकेश जब 1992 में करोल बाग थाना में ज्वाइन किया….तो शायद कभी नहीं सोचा होगा… कि उसे अपने ही विभाग के अधिकारियों और नेताओं के आगे गिड़गिड़ाना पड़ेगा. हरकेश सिंह वर्ष 1997 में करोल बाग थाना क्षेत्र में आयोजित दुर्गा पूजा में बप्पी लहरी के कार्यक्रम में ड्यूटी पर थे….इसी दौरान लाठीचार्ज हुआ और इनके पैर की हड्डी टूट गई..जिसके इलाज में लाखों रुपये खर्च हुए…लेकिन विभाग से एक फूटी कौड़ी की भी मदद नहीं मिली हरकेश सिंह का कहना है कि होमगार्ड में इनकी ज्वानिंग वर्ष 1992 से वर्ष 2010 तक के लिए हुई …लेकिन विभाग ने बिना किसी कारण के वर्ष 2008 में नौकरी से बाहर निकाल दिया . नौकरी से निकाले जाने के बाद होमगार्ड जवान हरकेश सिंह संबंधित सभी विभागों के चक्कर काट चुके हैं….साथ ही प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिला दीक्षित, अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी गुहार लगा चुके हैं…लेकिन सभी जगह से इन्हें निराशा ही हाथ लगी है वर्ष 1993 में बेहतर ड्युटी के लिए ईनाम पाने वाला होमगार्ड जवान हरकेश सिंह आज दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है……गुजारा के लिए जहां हरकेश को प्रेस का काम करना पड़ रहा है…तो वहीं पत्नी को लोगों के घरों में काम करना पड़ता है….ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर होमगार्ड का पूर्व जवान हरकेश ….इलाज की मुआवजा राशि और नौकरी से दो साल पहले ही निकाल दिये जाने की शिकायत को लेकर कहां जाएं….और किसके पास दरयाफ्त करें…. जिससे की उसे न्याय मिल सके….

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