Saturday, September 21, 2024
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क्या एलजी के दौरे भाजपा की राजनीति से प्रेरित हैं

दिल्ली में दौरों के बाद राजनीति गरमाई

दिल्ली के एलजी इन दिनों राजधानी की बस्ती दर बस्ती कॉलोनी दर कॉलोनी के दौरों पर हैं। सुरक्षा और नौकरशाही का पूरा लवाजमा उनके साथ होता है। इन दौरों से लगता है एलजी साहब को अब जाकर एहसास हुआ है कि देश की राजधानी दिल्ली की जनता तो बदहाली का जीवन जीने पर मजबूर है। दिल्ली की कॉलोनियां पानी में डूबी पडी हैं सीवर लाइनें उफन रही हैं और सडांध मार रही हैं। सडकों पर बारिश और गंदी नालियों और सीवर का पानी भरा पडा है। गंदगी के ढेर बारिश के कारण बदबू रहे हैं और मच्छरों से बीमारियां फैल रही हैं।
एलजी लगातार दिल्ली क अलग-अलग इलाकों का दौरा कर रहे हैं। और स्थानीय समस्याओं को उजागर कर रहे हैं। दो दिन पहले वे रोहतक रोड मुंडका फिरनी रोड गए और वहां की दुर्दशा देख कर खूब आंसू बहाए उनके साथ सांसद योगेंद्र चांदोलिया भी थे। जो दिल्ली सरकार और उसके नेताओं को जी भर के कोसते चल रहे थे। उप राज्यपाल महोदय जब इलाके में पहुंचे तो स्थानीय जनता गुस्सा हुई और महामहिम महोदय को घेर लिया। उप राज्यपाल अपनी गाडी से बाहर ही नहीं निकले। बाहर निकल जनता को उनकी समस्याओं के समाधान को लेकर आश्वस्त नहीं कर पाए। उल्टे राजनीति करते दिखाई दिए। अपने ट्विटर हैंडल पर दिल्ली की बदतर हालात का सारा दोष दिल्ली सरकार के माथे मढ दिया।


उन्होंने एक्स पर जारी पोस्ट में कहा कि आप सरकार की उपेक्षा और संबंधित प्रशासनिक जड़ता के कारण पश्चिमी दिल्ली के लाखों लोग नरक से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं।यही नहीं उन्होंने तस्वीर भी साझा करते हुए कहा कि दो फुट गहरे गड्ढों और सीवर के पानी में डूबी गायब सड़कें वर्षों से सफाई न होने के कारण गाद से भरी ओवरफ्लो नालियां घुटनों तक सीवर में मिला बदबूदार पानी सड़ता कचरा सीवर में उल्टा बहाव जहरीले कीड़ों और मच्छरों के बीच अपनी भावनाएं और गुस्सा जाहिर करते सैकड़ों असहाय लोग।
वाह एलजी साहब। संवैधानिक पद पर रहते हुए विपक्ष के नेता जैसी राजनीतिक भाषा में आपकी बयानबाजी सुनकर तो बडे बडे नेता भी शरमा जाए।
उप राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने बुधवार शाम को निरीक्षण के दौरान पश्चिमी दिल्ली के मुंडका नांगलोई फिरनी रोड रोहतक रोड जैसे इलाकों में ये हालात देखे।
उन्होंने कहा कि लोक निर्माण सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग दिल्ली नगर निगम दिल्ली जल बोर्ड तथा दिल्ली राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम जैसे संस्थाओं को दी गई जिम्मेदारी निभाने में विफलता अक्षम्य है।
उपराज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में इस कुप्रबंधन से सबसे अधिक प्रभावित वर्ग गरीब दिहाड़ी मजदूर रेहड़ी-पटरी वाले महिलाएं बुजुर्ग और बच्चे हैं।
इस कुप्रबंधन के लिए कौन जिम्मेदार है सारे अधिकार तो आपके पास है यह एलजी महोदय को कौन बताए। उन्होंने तो भाजपा नेता की तरह शायद दूसरों पर अंगुली उठाना ही जरूरी समझा।
उपराज्यपाल ने कहा था कि उन्होंने पहले भी कई बार मुख्यमंत्री का ध्यान आकर्षित किया है। खासतौर लोगों की गंभीर स्थिति और इसके समाधान के लिए।

उन्होंने कहा कि पश्चिमी दिल्ली के मुंडका नांगलोई फिरनी रोड रोहतक रोड जैसे इलाकों में कल शाम के निरीक्षण के बाद देर रात से ही सुधार का काम चल रहा है।
यानी आठ महीने पहले ही इन कामों का टेंडर पास हो चुका था लेकिन अब जब चुनाव सिर पर आ गए हैं तब आपके दौर के बाद काम शुरू हुआ है। क्या इसका मतलब ये समझा जाए कि दिल्ली के विकास के काम भाजपा ने रूकवा रखे हैं और उसी की वजह से दिल्ली की जनता आपने अपने एक्स हैंडल पर जो बदहाली का रोना रोया है उसकी जिम्मेदार भाजपा और एलजी ही है।
इधर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि एलजी साहब इलाकों का दौरा कर अपना फोटो सेशन करा रहे हैं। दिल्ली की बदहाली की जिम्मेदार तो स्वयं केंद्र की भाजपा सरकार है। जिसने दिल्ली की जनता द्वारा चुनी हुई सरकार के सारे अधिकार कानून बना कर हथिया लिए। सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के उपर जाकर अध्यादेश लाए गए और फिर संसद से कानून पारित करा लिए गए।
पिछले दिनों उन्होंने दिल्ली में पानी की समस्या पर मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखा था जिस पर आतिशी ने कडी प्रतिक्रिया देते हुए एलजी के पत्र को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया था और कहा था कि यह पत्र दिल्ली की चुनी हुई सरकार के लिए अपमान जैसा है।
उप राज्यपाल विपक्ष के नेता जैसा व्यवहार कर रहे हैं। उसी की तरह राजनीतिक दौरे कर रहे हैं और दिल्ली की बदहाली का दोष आम आदमी पार्टी की सरकार को दे रहे हैं। यहां तक कि एलजी अखबारों में लेख भी लिख रहे हैं जो किसी संवैधानिक पद पर बैठे गरिमामय मर्यादित शख्सीयत का नहीं पार्टी के नेता जैसा है। इस लिहाज से उपराज्यपाल ने तमाम मर्यादाओं को ताक पर रख कर खुलेआम सडक छाप नेता जैसा रूख अख्तियार कर लिया है।
यह देखकर ऐसा लगता है कि भाजपा के पास दिल्ली में कोई ऐसा नेता नहीं है जिसे चुनावों में दिल्ली की बागडोर सौंपी जा सके। ऐसा लगता है भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों में एलजी साहब को ही सेनापति बना कर चुनावी मैदान में उतार दिया हो। अब जीत दिलाने की जिम्मेदारी मानो उन्हें सौंप दी हो।
क्या दिल्ली की जनता यह सब समझ नहीं रही है।
दिल्ली सरकार के अधिकारों पर भाजपा ने डाका डालने का काम किया जब केंद्र सरकार ने कानून बना कर दिल्ली सरकार के सारे अधिकार उप राज्यपाल को सौंप दिए थे। 2021 से पहले दिल्ली के पास कई अधिकार थे। लेकिन भाजपा और आम आदमी पार्टी की सरकार के बीच जबरदस्त जंग चलती रही। केंद्र सरकार ने उपराज्यपाल के माध्यम से दिल्ली सरकार को तंग करना शुरू किया। उप राज्यपाल इस अर्धराज्य का दर्जा प्राप्त सरकार के कामों में आए दिन अडंगा डालते दिखने लगे। तमाम फाइलें एलजी हाउस में मंवाई जाने लगीं। अधिकारियों के केंद्र सरकार ने बिना मुख्यमंत्री की सलाह लिए दिल्ली का मुख्य सचिव अपना आदमी बना कर भेजा। और भी उच्च पदों पर भाजपा-संघ विचारधारा वाले कई अधिकारी दिल्ली सचिवालय में बैठा दिए गए। जो दिल्ली सरकार की फाइलों पर कुंडली मार कर बैठ गए या कामों में नानुकुर करते रहे। इस पर दिल्ली सरकार अपने अधिकार स्पष्ट कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट गई। सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षा व ट्रांसफर पोस्टिंग जैसे चंद कामों के अलावा अन्य सभी अधिकार दिल्ली सरकार को देने का फैसला सुनाया लेकिन केंद्र की भाजपा सरकार ने तो आप सरकार को काम न करने देने की ठान रखी थी। लिहाज केंद्र सरकार ने पहले तो अध्यादेश लाकर और फिर संसद से कानून बना कर दिल्ली सरकार के हाथ काट दिए और सभी अधिकार उप राज्यपाल को सौंप दिए।
मुंडका की मुसीबत
इस वक्त दिल्ली की सबसे हॉट सीट मुंडका विधानसभा काफी चर्चित हैं। कारण यह है कि दो दिन पहले उप राज्यपाल महोदय ने इस क्षेत्र का दौर करके खुद ही यहां की बदहाली को जगजाहिर कर दिया। साथ ही ऐसा करके उन्होंने भाजपा को ही कठघरे में खडा किया।
दरअसल इस क्षेत्र में बारिश का पानी जमा होने सीवर की गंदगी सडकों पर गड्ढे कूडे की सडांध से मच्छरों की समस्या से यहां के लोगों का जीवन नरक में तब्दील हो गया है। लेकिन इलाके की ये समस्याएं भाजपा की खडी की हुई है। इलाके के रानीखेडा के जिस अंडरपास पुल में पानी जमा होने की बात की जा रही है वह भाजपा के समय का ही बनाया हुआ है।
यहां की समस्याओं का समाधान स्थानीय विधायक धर्मपाल लाकडा चाहते हुए भी भाजपा की अडंगेबाजी के कारण नहीं करवा पा रहे। अधिकारी कामों में बाधा ही नहीं डाल रहे फाइलों पर कुंडली मारे भी बैठे रहते हैं।


मुंडका के लोगों को पता है कि भाजपा क्षेत्र के विकास के कामों में जानबूझ कर अडंगा डाल कर गंदी राजनीति का खेल खेल रही है।
यह केवल मुंडका की जनता ही नहीं समूची दिल्ली समझ रही है तभी भाजपा को नगर निगम बुरी तरह गंवाना पडा। भाजपा का निगम होते हुए भी उसने दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार को बदनाम करने के लिए दिल्ली को कूडे के ढेर में तब्दील कर दिया था। इसका उसे भारी नुकसान उठाना पडा। अब भी भाजपा विधानसभा चुनावों में चुनावी लाभ उठाने के लिए कामों में बाधाएं पैदा कर रही हैं लेकिन ऐसा करके वह खुद अपने पैरों पर कुल्हाडी मार रही है। आगामी चुनावों में भी जनता उसे उसकी इस विकास विरोधी राजनीति का गहरा सबक सिखाएगी।

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