[bs-embed url=”https://youtu.be/bh_NOHteNMQ”]https://youtu.be/bh_NOHteNMQ[/bs-embed]
इमरजेंसी के बाहर अपने गोद में मासूम को लेकर दौड़ता हुआ इस शख्स को देखिए, एक हाथ में ग्लूकोज की बोतल और गोद में लगभग 4 साल का यह मासूम। छत से नीचे गिरने की वजह से इसे काफी चोट आई है। स्थानीय डॉक्टरों प्राथमिक उपचार के दौरान इस बच्चे को ग्लूकोज को चढ़ाकर सफदरजंग हॉस्पिटल के लिए रेफर कर दिया। लेकिन जब इस बच्चे के परिजन यहाँ इस अस्पताल में पहुचे तो डॉक्टरों ने इस बच्चे का इलाज करने से मना कर दिया। मजबूर एक पिता अपने घायल बच्चे को लेकर अस्पताल के चक्कर काट रहा है, यही हालात वहां आये अमूमन सभी मरीजों की है। दूसरी तस्वीर में आप देख सकते हैं कि एंबुलेंस से एक मरीज वेंटीलेटर पर सीरियस हालत में इस हॉस्पिटल के इमरजेंसी में इलाज के लिए पहुँचा, लेकिन यहां पर इलाज के नाम पर इन्हें वापस जाने को बोल दिया गया। यहां आये सैकड़ों मरीजों का यही हालत है सभी आते तो हैं ईलाज के लिए, लेकिन सभी लोगो को यहां से बगैर इलाज कराये ही वापस जाना पड़ पड़ रहा है। डॉक्टरों के हड़ताल के बाद सफदरजंग में मरीजों की बुरी हालत होती जा रही है देश और दिल्ली के कोने-कोने से आए यहां पर लोग किस तरह से परेशान है । अस्पताल के इमरजेंसी के बाहर खड़े इन डॉक्टर का आरोप है कि बुधवार को एक महिला मरीज के इलाज में देरी होने की वजह से महिला रेजिडेंट डॉक्टर को मरीज और उसके परिजनों ने पहले थप्पड़ मारा। उसके बाद उसके बाल पकड़कर खींचकर मारपीट करने लगे। इस झगड़े के बाद पीड़ित महिला डॉक्टर काफी सदमे में है। झगड़े के वक्त सिक्योरिटी गार्ड और डॉक्टरों ने झगड़े को सुलझाया, रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन का कहना है की सफदरजंग में यह हमेशा की बात हो गई है उनकी सुरक्षा भगवान भरोसे है। इस मामले को लेकर सभी रेजिडेंट डॉक्टरों ने मीटिंग की और फिर अस्पताल के MS से मिलने पहुँचे। लेकिन इन रेजिडेंट डॉक्टरों का आरोप है वहां से हरबार की तरह इस बार भी सिर्फ आश्वासन के सिवा कुछ नहीं मिला। वहीं डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से मरीजों को हो रही काफी परेशानियां। इलाज कराने पहुच रहे मरीजों को परेशान देख डॉक्टर काफी परेशान हो रहे हैं लेकिन बार बार अपने ऊपर हो रहे आक्रमण से काफी डरे हुए हैं। इनका कहना है जबतक अस्पताल प्रसाशन और स्वास्थ्य मंत्रालय इनकी सुरक्षा के लिए ठोस कदम नहीं उठाए जाएंगे तब तक यह हड़ताल पर रहेंगे। हालांकि कुछ ही घंटों के हड़ताल के बाद सफदरजंग में मरीजो की हालत बुरा हो गया है। इस अस्पताल में रोजाना हजारों मरीज इलाज के लिए आते हैं उन मरीजों के लिए लगभग 1500 रेजिडेंट डॉक्टर है अगर इनका यह स्ट्राइक लंबा चला तो अस्पताल और मरीज दोनों की हालत बिगड़ती चली जाएगी देखना यह है कि क्या इस हड़ताल के खिलाफ प्रशासन या सरकार क्या कदम उठाती है।