देश की राजधानी में क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए केजरीवाल सरकार ने सोलर पॉवर खरीदने की तैयारी कर ली है। दिल्ली सरकार ने एक हजार मेगावाट सोलर एनर्जी खरीदने के लिए तीनों बिजली कंपनियों से सहमति बना ली है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की मदद से तीन महीने में टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी। आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार के मुताबिक कोयले की बिजली से पैदा होने वाला प्रदूषण दिल्ली के लिए एक बड़ी समस्या बन रहा है। यही वजह है कि सोलर पॉवर के इस्तेमाल के लिए दिल्ली के रिहायशी इलाकों को जागरुक किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन का कहना है कि सोलर एनर्जी के लिए ओपन टेंडर निकाला गया है। सोलर पॉवर की दर तीन रुपये प्रति यूनिट से भी कम होने की उम्मीद है। सरकार का दावा है कि एक से डेढ़ साल में यह सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। जैन के मुताबिक दिल्ली में सोलर एनर्जी का रेट पांच रुपये 50 पैसा के आस-पास है। इसके इस्तेमाल पर दिल्लीवालों को दो रुपये तक की सब्सिडी भी दी जाएगी। इसके अलावा सोलर पॉवर के लिए रिहायशी इलाकों में पांच किलो वाट तक के बिल पर कॉर्मशियल चार्ज नहीं लिया जाएगा। सरकार का कहना है कि पिछले छह महीने से बिजली कंपनियों के साथ सोलर एनर्जी पर चर्चा रही थी। फिलहाल बिजली कंपनियां अगले 25 साल के लिए सरकार द्वारा तय रेट पर सोलर एनर्जी देने के लिए राजी हुई हैं। दिल्ली शहर में घरों के अंदर छोटी-मोटी दुकानों को पांच किलो वाट तक का घरेलु कनेक्शन देने का फैसला लिया गया है। कॉमर्शियल इलाके में सोलर एनर्जी का इस्तेमाल नहीं होगा। सरकार का मानना है कि सोलर पॉवर के प्लान से दिल्ली के करीब पांच लाख लोगों को फायदा होगा।