Thursday, April 25, 2024
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वो चेहरे जो योगेंद्र व प्रशांत के साथ है

योगेंद्र और प्रशांत को बाहर करने का प्रस्ताव पार्टी में बहुमत से पास हुआ। पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आठ वोट योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण के पक्ष में और 11 वोट विरोध में पड़े। बताया जा रहा है कि योगेंद्र और प्रशांत के पक्ष में आप के नेताओं-आनंद कुमार, क्रिस्टिना सैमी, योगेश दहिया, सुभाष वारे, अजीत झा, राकेश सिन्हा ने वोट दिए।उनका मत था कि योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण कई दिनों संयोजक अरविंद केजरीवाल से नाराज चल रहे थे। दोनों ने पार्टी के काम करने के तरीके को लेकर सवाल उठाए थे और इसमें बदलाव की मांग भी की थी। इसके बाद आम आदमी पार्टी दो खेमों में बंटती नजर आई। केजरीवाल समर्थक खेमे के नेताओं ने भूषण और योगेंद्र के खिलाफ जमकर बयानबाजी की थी।
आनंद कुमार: योगेंद्र और प्रशांत के पक्ष में वोट देने वाले आनंद कुमार जेएनयू में समाजशास्त्र के प्रोफेसर हैं। साथ ही वे छात्रों के साथ कई सामाजिक कार्यों से जुड़े रहे हैं। वे आम आदमी पार्टी के एग्जीक्यूटिव मेंबर्स में भी शामिल हैं। 2014 लोकसभा चुनावों में वो आप के टिकट पर उत्तर-पूर्वी दिल्ली से चुनाव भी लड़ चुके हैं। जहां उन्हें बीजेपी के मनोज तिवारी ने हराया था।
क्रिस्टिना सैमी: तमिलनाडु में रेत माफिया के खिलाफ आंदोलन चलाने वालीं क्रिस्टिना सैमी आम आदमी पार्टी का एक बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने तमिलनाडु में वुमन फ्रंट नाम से एक पोलीटिकल पार्टी का भी निर्माण किया है। ये पार्टी पंचायत चुनाव से लेकर लोकसभा चुनाव तक लड़ चुकी हैं। आप की पहली नेशनल एक्जीक्यूटिव में केवल दो महिलाएं थीं। उनमें से एक क्रिस्टीना भी थीं। दूसरी महिला नेता शाजिया इल्मी थीं, जो अब भारतीय जनता पार्टी में हैं।
योगेश दहिया: योगेश उत्तर प्रदेश के किसानों के एक बड़े नेता हैं। उन्होंने गन्ना किसानों की मांग को लेकर हमेशा आवाज बुलंद की है। योगेश ने गन्ना किसानों को उनकी मेहनत की सही कीमत दिलाने के लिए जमीनी और कानूनी लड़ाई लड़ी है। 2014 लोकसभा चुनाव में योगेश सहारनपुर से पार्टी प्रत्याशी थे। लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। साइंस ग्रेजुएट योगेश दहिया पहले तो अन्ना हजारे के आंदोलन से जुड़े, बाद में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य बनाए गए। लोकसभा चुनाव के दौरान उनपर किसनों के मुआवजे के 300 करोड़ हड़पने के भी आरोप लगे थे।
अजीत झा: अजीत झा दिल्ली यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर हैं। उन्हें प्रोफेसर झा के नाम से भी जाना जाता है। वे लोक राजनीति मंच से जुड़े हुए और पंचायती राज प्रणाली के लिए काफी वक्त से काम कर रहे हैं। साथ ही वे समाजवादी जन परिशद नाम की पार्टी से भी जुड़े हुए हैं।
सुभाष वारे: सुभाष महाराष्ट्र में स्टूडेंट्स संगठन चत्राभारती के अध्यक्ष हैं। उन्होंने सरकार के खिलाफ कई आंदोलन चलाए। आम आदमी पार्टी से जुड़ने के बाद सुभाष ने भारतीय राजनीति में बदलाव के लिए काम करना शुरु किया।
राकेश सिन्हा: राकेश सिन्हा भी आम आदमी पार्टी के अंडरग्राउंड रणनीतिकारों में से एक माने जाते हैं। दिल्ली में आम आदमी पार्टी को मिली भारी सफलता में उनका भी हाथ माना जाता है।

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