ठंड का मौसम नज़दीक आ रहा है सर्द हवाएँ चलने लगी है। सुबह- सुबह उठते समय ठण्ड का सामना करना पड़ता है। रात में तो कोई शायद ही अपने घर से निकलने की सोचे। चारों और कोहरे की चादर दिखाई देगी। जहाँ भी नज़रें जायें सभी लोग अपने आप को गरम कपडे मैं लपेट कर जा रहे होंगें और बार बार चाय कोफ़ी पीने का मन करेगा। ऐसे ही कुछ नज़ारा होता है जब सर्दियाँ शुरू हो जातीं है। वैसे तो इस वर्ष ठण्ड थोड़ी देर से ही आ रही है लेकिन फिर भी इससे बचने के लिए अभी से सतर्क हो जाना ज़रूरी है। ताकि इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स से बचा जा सके। क्योंकि कुछ लोग अंदरुनी तौर पर बहुत कमज़ोर होते हैं और इसके लक्षण उनमें दिखने लगते हैं। आइए इस पर थोड़ा विचार करें की सर्दी से होने वाली बीमारियां क्यों होती हैं और उसका समाधान कैसे किया जा सकता है।
मुख्य कारण
1.अधिक ठन्डे भोज्य पदार्थों का सेवन – ठंड में यदि अधिक ठंडा खाना देर तक बहार रखा हुआ या फिर फ्रिज से तुरंत निकालकर खाना खाने से बीमारी जल्दी पकड़ सकती है इसलिए ज़रूरी है की ठंडे खाने और बहार के खाने से परहेज करें और मुमकिन हो तो घर का बना हुआ ताज़ा खाने का ही सेवन करें।
2.पैरों में बिना जूते पहन के घूमना – मोजे या जूतों के बिना घर से न निकलें अगर घर पर भी पैरों में चप्पल पहन कर रहें तो ज़्यादा अच्छा रहेगा। ध्यान दे की बच्चों को नंगे पैर बिलकुल न घूमने दे।
3.गरम खाने के तुरंत बाद ही ठंडा खा लेना – गर्म खाने के बाद ठंडे खाने का सेवन कतई न करे , कुछ लोग ज़्यादा मौज – मस्ती के चलते सर्दियों में आइसक्रीम का सेवन करते हैं ये जानबूझकर बीमारी को न्योता देना का काम करते हैं।
4.वायरल इन्फेक्शन – सर्दियों में खांसी – ज़ुकाम होना आम बात है इसलिए ऐसे व्यक्ति से ज़्यादा नज़दीकी न बनाये जिस को इस तरह की कोई परेशानी हो यदि आप को ऐसे खांसी ज़ुकाम हो तो आप भी किसी से ज़्यादा नज़दीकियां न बनायें।
5.सर्दी से ग्रसित अन्य व्यक्तियों के संपर्क में रहना – ऐसा करने से आपको भी कई परेशानियों का सामना करना पद सकता है।
6.आसपास की किसी वस्तु से ऐलर्जी हो जाना – यदि आपको किसी वास्तु से एलर्जी है तो उस वास्तु से दुरी बनाये रखें।
7.आहार विहार में लापरवाही – खाने पीने में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। अपना व अपने परिवार का पूरा ध्यान बड़ी ही कुशलता से कर सकते हैं।
8.बहुत अधिक थकान – अधिक थकान से भी बीमारियां आपके नज़दीक आ सकती है इसलिए बेवजहा काम करके अपने शरीर को न थकायें।
लक्षण-
1.गले में घरघराहट
2.नाक बंद हो जाना
3.सर दर्द होना
4.चिडचिड़ाहट होना
5.हल्का हल्का बुखार होना
6.आवाज़ में घरघराहट
7.छींकना
8.स्वाद और सुगंध की अनुभूति कम होना
9 . खांसी होना
बचाव –
1.सामान्य रूप से लोग सर्दी होने पर ऐंटीबायॉटिक्स का प्रयोग करते हैं; लेकिन बिना डॉ कि सलाह के इसे लेना जानलेवा भी साबित हो सकता है।
2.यहाँ यह भी जान लेना आवश्यक है कि ऐंटीबायॉटिक्स बैक्टीरिया के विरुद्ध कार्य करते हैं न कि वायरस और अलर्जी के विरुद्ध।इसलिए, सामान्य सर्दी ज़ुखाम जो कि वायरस या अलर्जी के कारण हो रहे हैं, उनमें ये दवाएं लेने का कोई लाभ नहीं होता है।
4.सामान्य रूप में इस रोग से बचाव के उपाय ही इसका उचित इलाज है।
5.जिन लोगों को सर्दी है, उनसे उचित दूरी बनाकर रखें; ख़ास तौर पर तब जब वे खांसें या छींके।
6.सही समय पर संतुलित भोजन करें।
7.ठंडा व बासा भोजन न करें।
8.भोजन व पेय पदार्थों में सोंठ और काली मिर्च का प्रयोग अवश्य करें।
9.छींकते व खांसते समय मुंह व नाक को ढककर रखें।
10.भोज्य पदार्थों को ढककर रखें।
11.पर्याप्त मात्रा में यदि मन न हो तब भी पानी अवश्य पियें।
12.आराम अवश्य करें क्योंकि इससे ऊर्जा का संग्रहण होता है।
13.भोजन में विटामिन सी युक्त पदार्थ जैसे नींबू का प्रयोग करें।
14.यदि सर्दी के लक्षण 3 दिन से ज्यादा रहे तो चिकित्सक से परामर्श करें।
15 .यदि छाती में दर्द हो, लगातार खांसी आए, कान में दर्द हो या बलगम भूरा या लाल रंग का आता हो तो डॉक्टर से परामर्श करें।
16.अगर आप अस्थमा से पीड़ित हैं तो कुछ भी उपाय करने से पहले अपने चिकित्सक से परामर्श करें।
17.अगर कोई छोटा बच्चा सर्दी से पीड़ित है तो भी डॉ की सलाह अवश्य लें ,