अशोक विहार में सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यकर्मों के जरिये आपसी मित्रता के मकसद को लेकर बना अशोक विहार मैत्री संघ कुछ समय शांत रहने के बाद फिर से सक्रीय हो गया है –मैत्री संघ ने अशोक विहार में विशाल कवि सम्मलेन आयोजित किया —इस कवि सम्मलेन के स्वरूप को देखकर लगा कि 1998 में बनी इस संस्था के न सदस्य बदले है और न ही उनका मकसद –अशोक विहार ने जाने-माने लोगों के बीच देश के नामचीन कवियों ने जब कविताएं सुनाई तो माहौल कैसा होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता ही –रात नौ बजे से लेकर करीब डेढ़ बजे तक चले इस सम्मलेन में लोगों ने जमकर ठहाके ही नहीं लगाए बल्कि देश की सियासत और समाज की सोच की गम्भीर हालत पर भी नजर डाली –कवियों ने राजनीति और राजनेतओं पर जमकर कटाक्ष किये —