दिल्ली के बुराड़ी में यमुना किनारे फिर एक तेंदुए आने की आशंका से लोग डरे हुए है। पिछले दिनों यहां एक तेंदुआ आया था जिसे करीब पन्द्रह दिन बाद पिंजरा लगाकर पकड़ लिया था और इस दौरान इस तेंदुए ने कोई नुकशान यहां के लोगो को नही पहुंचाया था। अब यमुना किनारे खेतो में लोगो ने एक जानवर के पंजो के निशाँन कई दिन से मिल रहे है। साथ में कई जगह नीलगाय आदि का खून पड़ा हुआ मिलता है तो लोगो में डर है की कोई शिकारी जानवर अभी भी यहां है। लोगो को अपने बच्चो और पशुओ की काफी चिंता हो गई है। खेतो में छोटे बच्चो को लोग अकेले नही छोड़ रहे है। स्थानीय लोगो ने बताया की रात में उनको नीलगाय के भागने की आवाज सूनाइ दी और बाहर आकर देखा की नीलगाय के पीछे कोई दौड़ रहा था देखने पर बिल्ली जैसा था और सुबह उठकर देखा की वहां खून था और बिल्ली जैसे पंजे के निशाँन थे। लोगो ने कहा कि एक सप्ताह से यहां नीलगाय और कुत्ते भी गायब हो गए।यहां खेतो में करीब पन्द्रह परिवार रहते है सब डरे हुए है। खेत में तेंदुए जैसी आवाज आती है। तेंदुए को देखा तो नही पर पंजो के निशाँन और कुछ नीलगाय और कुत्ते गायब होने से लोगो को तेंदुए की आशंका है। लोगो का कहना है वे डरे हुए है और अकेले बाहर भी नही निकल सकते। जिस दिन से लोगो को पंजो के निशाँन मिले है तभी से खून भी जगह जगह मिलता है पहले नही मिलता था।
लोगो ने अभी तक तेंदुए को देखा तो नही पर पंजो के निशाँन देखकर डरे है। लोगो का कहना है पुलिस को कहा तो पुलिसकर्मी कहते है हमे पहले आप तेंदुआ दिखाओ। लोगो का कहना है यदि देख पाते तो वे खुद ही तेंदुए को पकड़ लेते। महिलाओ ने कहा की चारो तरफ खुले खेत है और हमारे बच्चे डरे है। पिछले एक सप्ताह से लोगो को ये संकेत लगातार मिल रहे है।
ये निशाँन जीव वैज्ञानिक और यमुना बायो डायवर्सिटी पार्क इंचार्ज डॉ फैयाज खुदसर ने देखे और बताया की ये पंजे के निशाँन बिल्ली जाति के नही है बल्कि कुत्ता जाति के है पर ये कुत्ता नहीं इसलिए लोग स्वयम रखे नजर।
अब वैज्ञानिक पुष्टि के बाद कह सकते है कि यहां तेंदुआ तो नही है पर लोगो में पिछले महीने आये तेंदुए का डर अभी तक है जिस तेंदुए को दिल्ली वन विभाग की टीम ने पकड़ लिया था। फिलहाल लोगो को अभी भी तेंदुए का डर बना हुआ है।
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