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रोहिणी विधानसभा के सेक्टर 9 स्थित राजापुर गांव का महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन जिसमें पिछले 15 सालों से एक गैर सरकारी संगठन ‘संपूर्णा’ का कार्य चल रहा है। लेकिन यह भवन आजकल चुनावी मुद्दा बना हुआ है। वार्ड नंबर 60 स्थित इस भवन को लेकर जहां पॉलिटिकल पार्टी स्वराज इंडिया की प्रत्याशी डॉ. सविता मुखी बुजुर्गों को फिर से इस भवन को उनके हवाले करने की चुनावी घोषणा कर रहीं हैं, तो वहीं वरिष्ठ नागरिक गपशप मंच के संस्थापक पूर्व विधायक राजेश गर्ग और राजापुर गांव के प्रधान सुखवीर सिसोदिया समेत कई व्यक्ति एनजीओ संपूर्णा को यह भवन अलाउटमेंट पर सवाल उठा रहे हैं। साथ ही कह रहे हैं कि यह संस्था वरिष्ठ नागरिक केंद्र के नाम पर सरकार को लाखों रुपये का चूना लगा रही है जबकि यहां वरिष्ठ नागरिकों के लिए कोई कार्य नहीं किये जाते हैं। लोगों का कहना है कि यह एनजीओ बीजेपी नेता विजेन्द्र गुप्ता की निगम पार्षद पत्नी डॉ. शोभा विजेन्द्र की है और राजनीतिक पहुंच के कारण यहां पर ये सालों से कब्जा जमाये हुए हैं। वहीं वरिष्ठ नागरिकों और निवासियों को इस भवन से वंचित किये हुए हैं। इस भवन में बीजेपी और उसके गुर्गों का अड्डा जमा रहता है। वहीं इस मामले मे गैर सरकारी संगठन संपूर्णा की अधिकारी सिनियर वाइस प्रेसिडेन्टआशा जैन का कहना है कि संस्था पर बेबुनियाद आरोप लगाये जा रहे हैं और बुजुर्गों को यहां सभी तरह की सुविधाएं मुहैया कराये जाते हैं
नगर निगम चुनाव में राजापुर गांव का महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन जहां अभी संपूर्णा नामक एनजीओ चल रहा है एक चुनावी मुद्दा बन चुका है। स्वराज पार्टी इस भवन को फिर से बुजुर्गों सौंपने का एलान कर चुकी है, वहीं इस भवन से संचालित गैर सरकारी संगठन सभी आरोपों को बेबुनियाद बता रही है। ऐसे में देखना अब यह होगा कि नगर निगम के इस भवन का राजनीतिक और समामाजिक कनेक्शन परिणाम क्या होता है। लेकिन यक्ष प्रश्न यह है कि क्या एनजीओ संपूर्णा का कार्य यहां से बंद किया जाएगा या महाराणा प्रताप सामुदायिक भवन में बुजुर्गों की खिलखिलाहट गुंजेगी। साथ ही प्रश्न यह भी रहेगा कि क्या यह सामुदायिक भवन महज एक चुनावी स्टंट बन कर ही रह जाएगा।