[bs-embed url=”https://youtu.be/4nmMHljjNww”]https://youtu.be/4nmMHljjNww[/bs-embed]
बर्फ की मोटी परत के ऊपर स्केटिंग रिंक में कलाबाज़ियाँ दिखाते ये बच्चे, ये नज़ारा है गुड़गांव के एम्बिएंस मॉल का जहाँ आइस्केट और आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया ने फिगर स्केटिंग कॉम्पीटीशन का आयोजन किया था। इस कम्पटीशन में देश भर से बच्चों ने हिस्सा लिया जिन्हे एसोसिएशन की तरफ से कॅश प्राइज़ेज और पार्टिसिपेशन के सर्टिफिकेट्स भी दिये गये। कॉम्पीटीशन के हिस्सा बने ये प्रतिभाशाली बच्चे बेहद उत्साहित हैं और भविष्य में अपने देश के लिये ओलम्पिक मैडल जीतने का लक्ष्य रखते हैं। आइस स्केटिंग एक बेहद आकर्षक और रोमांचक खेल है और और आइस स्केटिंग से जुड़े एक्सपर्ट्स और वेटरन्स भी मानते हैं की भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है तो अच्छे इंफ्रास्ट्रक्चर और मोटिवेशन की। आइस स्केटिंग एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के प्रेजिडेंट आर के गुप्ता इस तरह के कॉम्पीटीशन और ट्रेनिंग कैम्प्स का आयोजन करते रहते हैं। इन्होने भी आइस स्केटिंग को सरकार से सहयोग और मान्यता दिये जाने की मांग की है। आज हमारे देश के युवा खिलाड़ियों को आइस स्केटिंग में बेहतर ट्रेनिंग सुविधाओं के लिये विदेश का रुख करना पड़ता है जबकि देहरादून में बना वर्ल्ड क्लास आइस स्केटिंग रिंक पिछले सात साल से बंद पड़ा है। आइस स्केटिंग से जुड़े एसोसिएशन , प्लेयर्स और उनके पैरेंट्स को भी उम्मीद है की जल्द ही भारत के टैलेंटेड स्केटर्स को बेहतर सुविधाएँ मुहैया होंगी जिससे वो भविष्य में ओलिंपिक जैसे खेलों में देश का प्रतिनिधित्व करने का सपना पूरा कर सकें।