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सीबीएसई के जरिये सर्कुलर निकला गया था जिसमे यह खास तौर पर ncert बुक को ही कंपल्सरी किया जायेगा लेकिन अब सरकार अपने डिसिशन को चेंज करते हुए कहा गया है कि अब ncert की बुक्स को लगाना कंपल्सरी नहीं होगा। asbp ने इस डिसिजन पर hrd मिनिस्टर का धन्यवाद किया। वही नवीन जी ने ये भी कहा स्कूल पहले सभी किताबो को अच्छी तरह देखे और अगर फिर उन्हें प्राइवेट पब्लिशर्स की किताबे सही लगती है तो वो लगाए और अगर ncert की बुक्स सही लगती है तो वो लगाए और जहाँ अभिभावक लोग कीमत की बात करते है तो इस विषय में नवीन जी ने कहा कि ncert को गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया बहुत बड़ी सब्सिडी देती हैं और प्राइवेट प्रकाशकों को कोई सब्सिडी नहीं दी जाती है इसलिए ncert की किताबें सस्ती होती हैं। ncert की किताबें अपडेट नहीं होती है जबकि प्राइवेट पब्लिशर्स हर साल अपनी किताबें को अपडेट करते है और अच्छे से अच्छा कागज़ लगते है अच्छे चित्र भी होते हैं।प्राइवेट बुक पब्लिशर्स अपने प्राइसिस को रिव्यु नहीं करेंगे क्यूँकि उनके प्रिंसेस उनके संसाधनों के मुताबिक रिज़नेबल हैं। प्राइवेट पब्लिशर्स की यह दलेल है उनके प्राइसिस कंटेंट के हिसाब से रिज़नेबल हैं।