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नवरात्र के समय देश में रामलीलाओं की धूम है। रामलीला मंचन में कलाकारों और उनके द्वारा निभाए गए हर पात्र का अपना महत्त्व है और हर कलाकार अपनी भूमिका को पूरी विशिष्टता के साथ निभाने की कोशिश करता है लेकिन पश्चिम विहार रामलीला कमेटी से जुड़े एक ऐसी कलाकार से रूबरू करवा रहे हैं जो कि दिन में तो क्षेत्र की साफ़ सफाई और जनहित के कार्यों में व्यस्त होती हैं और रात होते ही रामलीला के मंच पर माता कौशल्या का किरदार पूरी शिद्दत के साथ निभाती दिखती हैं। ये किरदार हैं जहाँगीरपुरी वार्ड – 21 से निगम पार्षद पूनम बागड़ी , जो हाल में हुए निगम चुनाव में क्षेत्र की निगम पार्षद चुनी गई हैं । सामाजिक कार्यों में इनकी रुचि का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है की पिछले छे साल से ये पश्चिम विहार रामलीला से सक्रियता के साथ जुडी रही हैं और अब निगम पार्षद चुने जाने के बाद भी इन्होने मंच पर कौशल्या का किरदार निभाना नहीं छोड़ा। देर रात तक चलने वाली रामलीला में कौशल्या माता का किरदार निभाते हुए पूनम बागड़ी भावुक भी हो जाती हैं और इनके आँखों से ये आँसू किसी ग्लिसरीन का कमाल नहीं बल्कि कौशल्या के चरित्र से प्रभावित एक माँ के आँसू हैं जो सहसा ही छलक पड़े। कांग्रेस की निगम पार्षद पूनम बागड़ी के पती और कांग्रेस नेता अश्वनी बागड़ी पश्चिम विहार रामलीला कमिटी में बतौर महासचिव अपनी जिम्मेदारी निभा रहे हैं , और इनका भी मानना है की ये इनके सामाजिक जुड़ाव का ही नतीजा है की जनता ने आज इनको निगम पार्षद की कुर्सी तक पहुँचाया है। राजनीति और समाजसेवा में तमाम व्यस्तताओं के बावजूद भी इस दम्पति का रामलीला जैसे बड़े आयोजन में पूरी सक्रियता के साथ समय देना , एक उदाहरण है कि अगर सच्ची भावना हो तो आप अपने जीवन में हर किरदार को पूरी शिद्दत के साथ सीमित समय में भी निभा सकते हैं।