Friday, November 8, 2024
spot_img
Homeअन्यशिक्षा'खंड-खंड में बंटी स्त्री' को मैथिली का मैसाम युवा सम्मान

‘खंड-खंड में बंटी स्त्री’ को मैथिली का मैसाम युवा सम्मान

[bs-embed url=”https://youtu.be/DCDt7179-ms”]https://youtu.be/DCDt7179-ms[/bs-embed]

भारत की संस्कृति और साहित्य पूरी दुनिया में विख्यात है | भारत में अनेक प्रकार की संस्कृति साहित्य विद्यमान है , लेकिन फिर भी यहाँ अनेकता में एकता भी है | इसी एकता , साहित्य और संस्कृति के फलस्वरूप हमारे देश का मूल रूप नहीं बदला और जीवित भी है| और ये न बदले इसके लिए समाज में निरंतर प्रयास चलते रहते है | इन बातों को मद्देनज़र रखते, मैथिली संस्कृति और साहित्य को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2015 में एक सभा का निर्माण किया गया जिसका नाम मैथिली साहित्य महासभा रखा गया | मैथिली साहित्य महासभा के अध्यक्ष अमरनाथ झा के मुताबिक  मैथिली साहित्य महासभा हर साल तीन कार्यकर्मो का आयोजन करती है, जिसमें से एक कार्यक्रम है ‘स्मृति व्याख्यान माला’ | मैथिली साहित्य महासभा द्वारा स्मृति व्याख्यान माला की श्रृंखला में तीसरा कार्यक्रम का आयोजन रविवार को दिल्ली के कंस्टीटूशन क्लब में किया गया | पिछले वर्ष 2016 से सभा ने इस कार्यकर्म में एक और कार्य जोड़ा  है जिसमें मैथिली साहित्य महासभा के माध्यम से मैथिली के साहित्यकारों और लेखकों को प्रति वर्ष प्रोत्साहन देने के लिए और मैथिली साहित्य को सबल बनाने के लिए मैसान युवा सम्मान की शुरुआत है | इस वर्ष का यह सम्मान कामिनी चौधरी को  उनकी रचना खंड – खंड में बंटी स्त्री के लिए दिया गया |  

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments