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हरिद्वार -अलोक शर्मा
घरों में होनें वाली हिंसा कब इतना भयावय रूप ले लेती है किसी को पता नहीं चलता। घर में होने वाली हिंसा का ऐसा ही डरा देने वाला मामला धर्म नगरी हिरद्वार से आया है। घर की आपसी कलह के कारण देश के एक सपूत की मृत्यु हो गई। मृत्यु कैसे हुई इसका जवाब अभी किसी के पास नही है। पिता और माँ दोनों का रो रो कर बुरा हाल है। मरने वाला शख्स नेवी में रहकर देश की सेवा कर रहा था। अक्सर घर में आपसी झगड़ा रहता था। अनिल की पत्नी और और अनिल के माँ बाप के बीच भी मनमुटाव था और अचानक देश की सेवा में लगे अनिल की रहस्यमई परिस्थितयों में मौत हो गई। मृतक अनिल के पिता हिम्मत सिंह और अनिल नेवी में रहकर देश की सेवा में लगे रहे और आज उसी देश के सपूत की मौत पर पिता इंसाफ की तलाश में दर दर भटक रहा है और पुलिस की निष्क्रियता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि ना अनिल की मौत के कारणों को खंगालने की कोशिश की गई और ना ही शव का पोस्टमार्टम किया गया। यहां तक कि पुलिस ने इस मौत को एक सामान्य मौत का नाम देकर मामले को खत्म करने की कोशिश की गई है। न्याय के लिए मुख्यमंत्री और राज्यपाल से न्याय की गुहारलगानी पड़ रही है। अगर देश की सेवा करने वाले जवानों की मौत पर न्याय के लिए भीख मांगनी पड़े तो आम लोगों को न्याय कैसे मिलता होगा इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। आस पास और पड़ोस के लोग भी जानते है कि अनिल का परिवार किस तरह से देश के लिए समर्पित थे और न्याय के लिए आज भटक रहे है। हिम्मत सिंह ने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगा दिया यहां तक की अपने पुत्र को भी देश की सेवा करने के लिए भीज दिया लेकिन उसके बावजूद उसकी मौत पर उन्हें प्रशासन न्याय नहीं दे पा रहा है।