गाजियाबाद -अरुण कुमार
एन एच् 24 पर रक्षा विज्ञान कर्मचारी सहकारी आवास समिति की ये बिल्डिंग है जिसमे 743 रक्षा मंत्रालय के लोगो ने अपने खून पसीने की कमाई का 100 करोड़ रुपया लगाया था मगर ना तो अब समिति का कोई अधिकारी इनसे मिल रहा है और ना ही इनका फ़ोन उठा रहा है। 2007 में एक समिति का गठन किया गया था जिसमे तकरीबन 900 लोगो ने अपना पैसा लगाकर फ्लैट बुक किये थे। इन फ्लैट की कीमत 30 लाख से 50 लाख तक है और अधिकांश लोग अपना पैसा करीब करीब पूरा जमा भी कर चुके है मगर अभी तक इन्हें फ्लैट नही मिले। ये समिती 2007 में शुरू हुई थी जिसके बाद 2017 में फ्लैट देने का वादा तो किया गया मगर अभी सिर्फ ढांचा ही खड़ा नजर आ रहा है जो कुछ फ़्लैट तैयार है उनमें भी अभी खासा काम बाकी बचा हुआ है। जिस जमीन पर ये फ्लैट बनाये जा रहे हैं वो आवास विकास की जमीन है और उसपर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण नक्शा पास करता। जिसके लिए समिति को GDA को 30 करोड़ की राशि देनी थी अगर समिति ने 1 करोड़ रुपये ही GDA को भुकतान किया जिसके बाद GDA ने 2014 में बिल्डिंग को सील भी कर दिया था। बावजूद इसके समिति से जुड़े पदाधिकारी अपने इन्वेस्टर को 2017 में फ्लैट देने की बात कहते रहे और अब जब 2017 खत्म होने को तब समिति के अधिकारी ना तो किसी का फ़ोन उठा रहे और ना ही किसी से मिल रहे हैं। अपने को ठगा महसूस कर इन्वेस्टर ने विजय नगर थाने में समिति के लोगों के खिलाफ शिकायत की है जिसकी जांच पुलिस द्वारा किये जाने की बात कही जा रही है।
गाजियाबाद- फ्लैटों को लेकर फिर हुआ घोटाला, फंस गए रक्षा मंत्रालय के लोग
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