जानकारी : इस साल देश से लेकर विदेश तक कई बार धरती डामा होल हुई। भूकंप के कारण जान माल का भारी नुकसान हो गया। आगे बढ़ने से पहले जानते है कि भूकंप आने का कारण क्या है। धरती की प्लेटों के टकराने से। हमें पृथ्वी की संरचना को समझना होगा। पूरी धरती 12 टैक्टोनिक प्लेटों पर स्थित है। इसके नीचे तरल पदार्थ लावा है। ये प्लेटें इसी लावे पर तैर रही हैं और इनके टकराने से ऊर्जा निकलती है जिसे भूकंप कहते हैं।
आखिर क्यों ये प्लेट टकराती हैं।
दरअसल ये प्लेंटे बेहद धीरे-धीरे घूमती रहती हैं। इस प्रकार ये हर साल 4-5 मिमी अपने स्थान से खिसक जाती हैं। कोई प्लेट दूसरी प्लेट के निकट जाती है तो कोई दूर हो जाती है। ऐसे में कभी-कभी ये टकरा भी जाती हैं।
अब बात करते है इस साल देश में आए भूकंपों के बारे में …
त्रिपुरा में भूकंप: 2017 शूरू हुए तीन ही दिन हुए थे कि त्रिपुरा में एक भूकंप आया जिसकी तीव्रता 5.7 थी। इस भूकंप ने 50 घरो को तबाह कर दिया साथ ही एक की जान ले ली।
6 फरवरी 2017: उत्तराखंड में एक बार फिर धरती डोलने लगी। भूकंप के इन झटको ने पूरे देश को 2013 की तबाही की याद दिला दी। इस भूकंप की तीव्रता 5.1 थी हालांकि इस भूकंप में किसी के हताहत होने की कोई खबरें नहीं आई थीं।
2 मार्च 2017: हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसकी तीव्रता 3.8 मापी गई थी। यह झटके धरती के 15 किलोमीटर नीचे आए थे।
6 दिसंबर 2017: दिल्ली एनसीआर में भूकंप दिल्ली और आस-पास के इलाक़ों में भूकंप की झटके महसूस किए गए। इसके बारे में अधिक जानकारी सामने नहीं आई थी। इंडियन मीटियोरोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने कहा है कि भूकंप का केंद्र उत्तराखंड का रूद्रप्रयाग ज़िला था।
अमरीका में भूंकप पर नज़र रखने वाली एजेंसी यूएसजीएस ने कहा है कि उत्तराखंड के पीपल कोटी गांव के उत्तर पश्चिम से 34 किलोमीटर दूर भूकंप का केंद्र था। अमरीकी एजेंसी के अनुसार इसकी गहराई 10 किलोमीटर थी।
17 दिसंबर 2017: असम के धिमाजी में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल 4.2 मापी गई।
11 दिसंबर 2017: जम्मू-कश्मीर में सोमवार 11 दिसंबर को भूकंप के झटके महसूस किए गए। रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 4.5 मापी गई, जिसका केंद्र जमीन से 33 किलोमीटर नीचे था। भूकंप भोर में 4.29 बजे आया, इससे किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं आई थी।
23 दिसंबर 2017: भारत-म्यांमार सीमा पर भूकंप के झटके महसूस किए गए है। भूकंप की तीव्रता 4.9 थी। हालांकि जान माल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई थी।
अंडमान-निकोबार द्वीप: अंडमान एंड निकोबार में 16 सितंबर को 4.5 तीव्रता का भूकंप आया था। इससे पहले 6 सितंबर को अंडमान सागर में 5.4 की तीव्रता के भूकंप के झटके को महसूस किए गए थे। इससे पोर्ट ब्लेयर के दक्षिण पश्चिम में 162 किमी तक का क्षेत्र प्रभावित रहा।
10 अक्टुबर ओडिसा: ओडिसा के कंधमाल इलाके में भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल 3.2 बताई गई थी।
फरवरी 2017 नेपाल: नेपाल में फरवरी 27 में भूकंप ने तांड़वा किया। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.0 मापी गई थी। ये झटके काठमांडो घाटी में भी महसूस किए गए।
इराक और ईरान (13 नवंबर 2017): ईरान और इराक सीमा भीषण भूकंप आया जिसमें लगभग 207 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए। भूकंप की तीव्रता 7.3 थी। इसे भूकंप से इरान के आठ गांव तबाह हो गए।
ईरान 21 दिसंबर 2017: ईरान की राजधानी तेहरान के निटकवर्ती शहरों में 5.2 तीव्रता का भूकंप का झटका महसूस किया गया है। सबसे तेज झटका तेहरान से करीब 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित मेशकिन्दश्त में महसूस किया गया था। हालांकि इस भूकंप में जान माल के नुकासन की कोई जानकारी नहीं थी।
20,सितंबर, 2017 मैक्सिको: मैक्सिको में भूकंप ने फिर से भयंकर तबाही मचाई। मैक्सिको सिटी के नजदीक 7.1 तीव्रता के भूकंप में 224 लोगों की मौत हुई। इस भूकंप में करीब 44 इमारतें मलबे में बदल गईं। भूकंप का केंद्र पुएब्ला प्रांत में 52 किमी नीचे था। ठीक इससे 12 दिन पहले मैक्सिको में भूकंप आया था।
24, नवंबर, 2017 जापान: जापान एक बार फिर से भूकंप की चपेट में आया। जापान में 5.6 तीव्रता वाला भूकंप आया। इससे पहले भी जापान के होक्काइदो प्रांत में रिक्टर पैमाने पर 5.1 तीव्रता के हिसाब से भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
चीन: उत्तर पश्चिम चीन के शिंजियांग की जिंघे काउंटी में 6.6 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए। इससे पहले सिचुआन प्रांत के झांग्झा शहर में जियुझागु पर्यटक स्थल पर भूकंप आया था जिसमें कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 164 अन्य घायल हो गए थे।