मनोरंजन -जगजीत सिंह संगीत की दुनिया में का ऐसा नाम हैं जिनकी कमी शयद ही कोई भर पायेगा.. उन्होंने कई फिल्मों में अपने मधुर संगीत दिया है. लेकिन बाद में गज़ल गायकी में ही रम गए. उन्होंने गज़ल को एक ऐसे अंदाज़ में गया जो की लोगो के दिल पर रहा गया . इसके लिए उनकी आलोचना हुई और आरोप लगा कि जगजीत ने गज़ल के शास्त्रीय अंदाज की अनदेखी की. लेकिन जगजीत ने ऐसे आरोपों नजर अंदाज़ किया.. बात निकलेगी तो फिर दूर तलक जाएगी, वो कागज की कस्ती, तुम इतना जो मुस्करा रहे हो, जैसे तमाम गज़ल-गीत संगीत की दुनिया को जगजीत की तरफ से एक अनमोल भेंट हैं.
जगजीत सिंह जब मुंबई आये तो उनके पास कोई काम नहीं था. शुरू-शुरू में वो पार्टियों में गाना गाया करते थे. इसके लिए उन्हें दो से ढाई सौ रुपये मिला करता था. बहुत कम लोगों को पता है कि जगजीत से शादी करने वाली चित्रा सिंह ने कभी जगजीत की गायकी को खारिज कर दिया था. क्युकी चित्रा खुद भी बहुत बेहतरीन गायिका थीं.चित्रा और जगजीत की जोड़ी ने कई सारे म्यूजिक एल्बम साथ में किए है. दोनों की ये जुगलबंदी लोगो के दिलो पर राज़ कर गयी.बता दें जगजीत पहले भारतीय थे जिन्होंने 1987 में डिजिटल एल्बम रिकॉर्ड किया था.
आइए बता दे आपको कि जगजीत को एक गुजराती फिल्म में एक्टिंग करने का ऑफर भी मिला था. लेकिन उन्होंने सिर्फ इसलिए फिल्म करने से मना कर दिया कि वो सिर्फ गाने गाना चाहते हैं. उन्होंने उस फिल्म में एक्टिंग तो नहीं कि लेकिन एक भजन जरूर गाया.
जगजीत के निधन के बाद भारत सरकार ने उनके नाम पर स्टांप जारी किया है. उनका निधन 10 अक्टूबर 2011 को हुआ था. उन्हें पद्म भूषण और साहित्य अकादमी से भी नवाजा गया है.