Friday, November 22, 2024
spot_img
Homeअन्यRAPE - एक सामाजिक कलंक

RAPE – एक सामाजिक कलंक

 

जहाँ भारतीय समाज में कन्या पूजन जैसे त्यौहार मनायें जाते हैं और महिलाओं को मातृशक्ति के रूप में पूजा जाता है तो वहीं दूसरी ओर उसी देश में छोटी बच्ची से लेकर बुजुर्ग महिला भी रेप का शिकार हो रही है। निर्भया रेप केस से लेकर कठुआ जैसे घिनौने कांड इसका एक बड़ा और शर्मनाक उदाहरण हैं । देश में बढते अपराधों में सबसे सगींन अपराध रेप के मामलों में लगातार वृद्धी होती जा रही है। जिसमें राजधानी दिल्ली भी अब अव्वल नंबर पर आने की होड़ में लगा मालूम पड़ता है।

महिलाओं की दुर्दशा

सरकार द्वारा रेप को रोकने के लिए कानूनों में संशोधन जरूर किया गया लेकिन सवाल अब भी ज्यों का त्यों है कि आखिर इन बदलावों से क्या रेप रुक जाएंगे। वर्तमान समय ऐसा है कि कोई भी महिला या स्त्री स्वयं को घर के भीतर सुरक्षित महसूस नहीं करती। महिलाओं के मन में अपनी अस्मत को लेकर डर हर समय बना रहता है।

क्यों हो रहे हैं ऐसे अपराध ?

रेप के मामलों का सबसे महत्वपर्ण कारण पुरूष समाज में महिलाओं के प्रति संस्कार व नैतिकता का आभाव है । समाज में महिलाओं की तुलना अगर पुरूषों से की जाये तो समझ आता है कि समाज में महिलाओं का स्तर, स्वतंत्रता और मान-सम्मान गिरता जा रहा है। जिसे निरंतर बढ़ते रहने की आवश्यकता है।

  • रेप जैसे मामलों को कम करने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर भी हमें कुछ कदम उठाने होगें:-
  • समाज व परिवार में महिलाओं की स्वतंत्रता को नियत्रित करना, उसको पुरिषों से कम आंकना इन सबके अंदर बदलाव की जरूरत है क्योंकि आज के युग में महिलाएं भी पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलकर चलने में सक्षम हैं।
  • लिंग-भेद न कर महिलाओं को समान अधिकार देने की जरूरत ।

 

 

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments