अशोक विहार -किसी भी धर्म के त्यौहार और संस्कृति उसकी पहचान होते है।अशोक विहार का सिंधी समाज अपनी पहचान से कितनी श्रद्धा और शक्ति के साथ जुड़ा है।आगे आगे हाथी घोड़े हिन्दू देवी देवताओं की तरह तरह की झांकिया और पीछे भगवान् झूलेलाल की ज्योत के आगे मस्ती में झूमती नाचते लोग ऐसा नजारा रहा अशोक विहार के चालिहा महोत्सव के समापन समारोह का इस आयोजित विशाल शोभा यात्रा का है सिंधी समाज के इस सबसे बड़े पर्व “चालिहा महोत्सव ” इस वर्ष भी तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि , स्थानीय नेता , सामाजिक , धार्मिक और राजनैतिक जगत से जुड़े लोग भी बड़ी संख्या बड़े बड़े लोग दिखाई दिएइनमें प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और सांसद मनोज तिवारी भी मुख्य अथिति के रूप में पहुंचे और अपने अंदाज में अपनी भावनाओं का इजहार किया
अशोक विहार के एफ ब्लॉक मंदिर प्रमुख समाज सेवी और सिंधी समाज के पूर्व प्रधान लख्मी चंद मकरानी के निवास से शुरू हुयी यह यात्रा बेहद भव्य और बड़ी थी महज करीब दो मिलोमीटर की इस विशाल शोभायात्रा को सिंधी पंचायत का पहुंचने में ही करीब चार घंटे लग गए।यात्रा के मार्ग पर जगह जगह विभिन्न संस्थाओं और समाज के प्रमुख लोगन ने भगवान् झूलेलाल के स्वागत के लिए मंच लगाए हुए थे और प्रसाद का वितरण कर रहे थे धर्म नगरी अशोक विहार में सिंधी समाज के इस पर्व में हर धर्म और समुदाय के लोग शामिल थे ।भगवान् झूले लाल की भक्ति में मस्त सिंधी पंचायत से जुड़े प्रमुख लोग सभी समाज इससे बेहद उत्साहित थे ।
मान्यता है की जो भी लोग 40 दिन तक विधिविधान के साथ वरुण देव के अवतार भगवान् झूलेलाल की पूजा अर्चना करते है उनके सभी कष्ट दूर होते है अशोक विहार में 40 दिन तक चलने वाले इस चालिहा महोत्सव में सिंधी समाज के ही नहीं बल्कि समस्त समुदाय के लोग शामिल होते है और इसे सर्व धर्म समभाव की मिसाल बना देतें है