बाहरी दिल्ली के पूठ खुर्द स्थित महर्षि बाल्मीकि अस्पताल की। जहां से इलाज कराने के बाद दो साल के बच्चे की मौत अस्पताल में ही हो गई। स्थानीय लोग और परिजन डॉक्टर और अस्पताल पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का ये भी आरोप है कि अस्पताल में काम करने वाले ज्यादातर स्टाफ रात को नशे में धुत्त हो जाते हैं। अस्पताल में मरीजों दर दर भटकते हैं.
डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए मृत बच्चे के परिजनों ने अस्पताल में अपना रोष प्रकट किय और बच्चे की लाश के साथ विरोध प्रदर्शन किया। हांलाकि पुलिस ने मौके पर वहुंच कर मृत बच्चे के परिजनों को कार्यवही का आश्वासन दिया।
अस्पतालों में स्थानीय लोगों के आरोप अगर थोड़े से भी सही हैं तो केजरीवाल सरकार को इस पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए और पूरे मामले की जाँच होनी चाहिए।