1- धन का अहंकार रखने वाले ध्यान रखें पैसा सिर्फ कुछ और बहुत कुछ हो सकता है, सब कुछ नहीं.
2- जैसे पशु को घास, मनुष्य को अन्न की जरूरत होती है, उसी तरह भगवान को भावना की. प्रार्थना में शब्द नहीं भाव खास होते हैं.
3- दुनिया का कल्याण चाहते हैं, पहले स्वयं का करो.
4- शराब से ज्यादा नशा धन का है. शराब का नशा दो-चार घंटे बाद ही उतर जाता है, लेकिन धन का नशा जिंदगी बर्बाद कर देता है.
5- धनाढ्य होने के बाद भी पैसों का मोह है, तो उससे बड़ा गरीब कोई नहीं.
6- प्रत्येक व्यक्ति ‘लाभ’ की कामना करता है, लेकिन उसका विपरीत शब्द अर्थात ‘भला’ करने से भागता है.
7- शांति के लिए क्रोध पर काबू पाना सीख लो. जिसने समझौता करना सीख लिया वह संत है.
8- भाग्य में जो लिखा है, वही मिलेगा. परेशान होने से कुछ अतिरिक्त प्राप्त नहीं होगा.
9- सत्ता ईश्वर के हाथ में है. वह नाराज है तो दुनिया की कोई ताकत मदद नहीं कर सकती.
10- युवतियां घर से भागकर शादी न करें. विधर्मी से शादी कर, वह सब करना पड़ सकता है जिसकी कल्पना भी न की हो.
108 जैन मुनि तरुण सागर जी महाराज के 10 मुख्य कड़वे वचन
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