तस्वीरों में दिख रहा ये छठ घाट पप्पू कॉलोनी का है और ये घाट आस पास रहने वाले हज़ारों पूर्वांचल वासियों के लिये छठ के मौक़े पर आस्था और आस का केन्द्र बना हुआ है । वर्ष 1993 से यहां के लोग इसी जगह पर आस्था के महापर्व—- छठ पूजा का आयोजन करते आ रहे हैं , लेकिन ढाई दशक बाद भी इन्हें कोई सरकारी मदद नहीं मिल सकी । लिहाज़ा पप्पू कॉलोनी के सैंकड़ों लोगों ने ख़ुद ही इस छोटे से तालाब को अब तक न केवल पूजा के योग्य बनाए रखा बल्कि हज़ारों लोगों की आस्था की आस को भी बरक़रार रखा है ।इस साल यहाँ छठ पूजा का आयोजन और भी भव्य और सुगम बनेगा पूठ खुर्द वार्ड – 31 की निगम पार्षद अंजु देवी और पार्षद पति अमन कुमार के निजी प्रयासों से ।जी हाँ —- कोई भी सरकारी मदद नहीं मिलने पर , निगम पार्षद अंजु अमन कुमार ने ये बीड़ा अपने सर उठाया और नतीजा है ये साफ़ सुथरा और पक्का बना छठ घाट ।निगम पार्षद के निजी प्रयासों और स्थानीय लोगों के सहयोग से इस घाट का उद्धार हुआ और अब यहाँ पाँच हज़ार से ज़्यादा पूर्वांचल वासियों के जुटने की उम्मीद है जो छठ पर्व भव्य आयोजन को और भी विशाल रूप देंगे ।स्थानीय नेता और निगम पार्षद के प्रयासों से पप्पू कॉलोनी के लोग और महिलाएँ भी बेहद ख़ुश हैं और इस नेक कार्य को सभी सराह भी रहे हैं ।
रविवार के दिन इस छठ घाट का विधिवत रूप से नारियल तोड़ कर उद्घाटन किया गया और इस मौक़े पर इसमें सहयोगी बने सभी का सम्मान भी किया गया । (नारियल तोड़ते और फूल माला पहनाते के शॉट्स )ख़ुद निगम पार्षद भी मानती हैं की पप्पू कॉलोनी के लोगों के साथ साथ उन्हें भी केजरीवाल सरकार के स्थानीय विधायक से उम्मीदें थीं लेकिन निराशा हाथ लगी ।
-स्थानीय लोगों ने तो ये भी कहा की बवाना के विधायक रात को आए और घाट की फ़ोटो ले कर चुप चाप निकल गए । उनको इस बात का अंदेशा है की हो सकता है विधायक महोदय सोशल मीडिया पर तस्वीरें अपलोड कर के इस घाट के उद्धार करने का श्रेय भी ले लें । लेकिन कैमरे के सामने तो इस कॉलोनी और आस पास से आए लोगों ने साफ़ कह दिया है की इस छठ घाट का निर्माण केवल उनके और निगम पार्षद के निजी प्रयासों से ही हुआ है और यहाँ लगा यह बोर्ड भी इस बात को प्रमाणित करता है ।