घनश्याम गुप्ता पर ऐसे आरोप लगाने वाले दिवाकर जैन अकेले नहीं है बल्कि और भी कई ऐसे लोग है जो आरोप लगा रहे है।जो लोग ट्रष्टी बने उनके पैसे खाते में या कोषाध्यक्ष के पास जमा न होकर घनश्याम गुप्ता के पास भी जमा होते थे।पता लगाने पर खातों में काट-छांट और फ्लू लगाकर उसे ठीक किया गया ।बहरहाल घनश्याम कितनी घपलेबाज है यह तो जांच का विषय है लेकिन यह मामला आने से यह सवाल तो उठ ही रहे है की आखिर अग्रबंधुओं की दुनिया की सबसे बड़ी संस्था में क्या ऐसे काम होता है ?