Thursday, November 7, 2024
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लक्ष्मीबाई कॉलेज में MTS staff के लिए interview देने आए सैंकड़ों लोगों ने किया हंगामा

दिल्ली यूनिवर्सीटी के लक्ष्मीबाई कॉलेज में आज सुबह सैंकड़ों संख्या लोगों ने जमकर हंगामा किया यहां तक की रोड़ भी जाम कर दिया । लक्ष्मीबाई कॉलेज हाय हाय और प्रिसीपल चोर है के नारों के साथ इन लोगों ने जमकर उतपात मचाया ।हंगामा कर रहे लोगों का कहना है लक्ष्मीबाई कॉलेज ने MTS स्टाफ के लिये वेकेंसी निकाली थी जिसके लिये आज इंटरव्यू होना था ।और इस वेकैंसीस के लिये देश के अलग अलग राज्यों से लोग इंटरव्यू देने पहुंचे इस उम्मीद में की उन्हें नौकरी मिल जाएगी लेकिन लक्ष्मीबाई कॉलेज पहुंच कर इन्हे पता चला की ये इंटरव्यू 12 तारिख को ही रद्द कर दिया गया था । जबकि लोगों का कहना है की अगर इंटरव्यू 12 तारिख को ही रद्द कर दिया गया तो इंटरनेट पर इसके बारे में कोई जानकारी क्यों नहीं दी गयी। जिसकी वजह से ना सिर्फ लोगों को परेशानी हुई बल्कि लोगों को इस मामले में धांधली का भी शक है । हंगामा बढ़ा तो कुछ लोगों को पुलिस पकड़ कर अपने साथ ले जाने लगी जिसके बाद वहां मौजुद लोगों का गुस्सा और बढ़ गया ।

लोगों का हंगामा बढ़ता देख पुलिस भी मौके पर पहुंची और मामले को शांत कराने की कोशिश की लेकिन हंगामा कर रहे लोग शांत होने को तैयार नहीं थे।ये लोग प्रिंसीपल को बाहर बुलाने की बात पर अड़े रहे जिसे देख भारत नगर के एसएचओ ने हंगामा कर रहे लोगों में से कुछ को अपने साथ कॉलेज के अंदर ले जाकर प्रिंसिपल से मुलाकात कराई। करीब आधे घंटे चली बातचीत के बाद बाहर आए एसएचओ ने बाकी लोगों को इस मामले में बताया भी और समझाया भी….बाहर आए लोगों से जब हमने बात की इन लोगों ने बाताया की तो उन्होने बताया की प्रिंसीपल का कहना है की इस वेकेंसी के लिये जो एडर्टाईस्मेंट की गयी हो वो उन्के संज्ञान में नहीं है ये एड दिल्ली सरकार के वाइस चासंलर अनमोल पवार जी की तरफ से की गयी है। प्रिंसीपल और पवार के बीच कुछ विवाद चल रहा है इसी वजह से प्रिसीपल की गैर हाज़री में एसोसिएट प्रोफेसर सीमा से वेकेंसी एड के लिये सिग्नेचर कराए गये हैं

मामला यहीं नही थमा हंगामा कर रहे कुछ लोग तो इस बात पर भी भड़कने लगे की जो लोग अंदर गये थे कहीं उन्हे चुप कराने के लिये नौकरी तो नहीं दे दी …

बात चाहे कुछ भीहो लेकिन दिल्ली सरकार और कॉलेज के विवाद में देश के कौने कौने से आए कैंडिटेट्स को ना केवल परेशानी भुगतनी पड़ी बल्कि नौकरी की एक बड़ी उम्मीद भी टूट गयी वो उम्मीद जिस पर भरोसा कर इन लोगों ने कई सपने देखे थे।

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