मंगलवार को उत्तरी पश्चिमी दिल्ली सीट पर चुनाव प्रचार काफी दिलचस्प हो गया। रोहिणी सेक्टर 24 में अपने चुनाव कार्यालय का उद्घाटन करते हुए कांग्रेस प्रत्याशी राजेशलिलोठिया ने भाजपा प्रत्याशी हंस राज हंस द्वारा नेहरू पर दिए बयान के जवाब में तो उन्हें शालीनता से भाषा की मर्यादा का ख्याल रखने की सीख दी, लेकिन जैसे ही बात प्रधानंत्री की आई तो उन्होंने चोर कहने में तनिक भी देर नहीं लगाई। मजेदार तो ये की वह प्रधानमंत्री को चोर कहने में कोई बुराई भी नहीं देखते।
छोटे मियां तो छोटे मियां, बड़े मियां भी सुभानअल्लाह। वैसे तो भाजपा के कमल हंस खुद को संत बताने से कभी पीछे नहीं हटते, लेकिन उनके महबूब मोदी को कोई कुछ कह दे तो फिर संत भी गुस्सा जाता है और विपक्ष को उसी की भाषा मे जवाब देने लगते हैं।
चुनावी चौपालों पर भाषा की मर्यादा जिस तरह से रोज गिरती जा रही है, और उस पर नाराजगी व्यक्त करने के बजाय जनता जिस तरह से ताली पीट रही है, उसे देखकर तो लगता है कि अगली लोकसभा तक यह कोई मुद्दा ही न हो।