ये तस्वीर उत्तर पूर्वी दिल्ली के नंदनगरी थाना क्षेत्र के सुन्दर नगरी में रहने वाले 60 वर्षीय राम करण वर्मा की है जो 2 मार्च को घर से कुभ मेला जाने की बात कह कर निकले थे लेकिन वापिस नहीं लौटे इस मामले में बेटे ने 4 मार्च को नंदनगरी थाना में पिता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। राम करण वर्मा के बेटे ने पिता के गायब होने का शक इलाके में ही दुकान चलाने वाले राजेश और सागर पर जताया। पुलिस ने दोनों से पूछताछ की लेकिन दोनों ने राम करन की किसी भी जानकारी से इनकार कर दिया। पुलिस ने दोनों के मोबाइल को सर्विलांस पर लगा कर मोबाइल का लोकेशन भी चैक की लेकिन उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला। जिसके बाद 20 मार्च को पुलिस ने राम करण के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर लिया। और अपनी जांच का दायरा बढ़ाया, इस गुत्थी को सुल्झाने के लिये साइबर एक्सपर्ट की मदद ली गयी। जिन्होंने राजेश के मोबाइल का एनलाइसीसी की जिसके बाद पता चला कि राजेश ने 2 मार्च को अपने मोबाइल में लखनउ जाने का रूट सर्च किया था। बस फिर क्या था पुलिस ने इस जानकारी को आधार बना कर जब सख्ती से पूछताछ की तो दोनों ने जुर्म कबूल कर लिया।
पूछताछ में राजेश ने खुलासा किया कि रामकरण ने उससे करीब 7 लाख रुपये उधार ले रखे थे जो वो वापस नहीं लौटा रहे थे। एक बार रामकरण ने 5 लाख का चेक ज़रुर दिया लेकिन वो भी बाउंस हो गया। और जब 2 तारीख रामकरण को कुभ घूमाने के लिए सागर से साथ निगला तो आगरा लखनऊ हाइवे पर पैसा मांगने को लेकर दोनों के बीच कहा सुनी हो गयी जिसके बाद राजेश और सागर ने मिल कर रामकरण की बेल्ट से गला घोंट कर हत्या कर दी। लेकिन अब राजेश का कहना है कि उसे अफ़सोस है कि उसने गुस्से में किसी हत्या की