पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और राजयसभा सांसद विजय गोयल क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री पद की रेस लगा रहे हैं। हालिया लोकसभा चुनाव के बाद बने समीकरण और पिछले कुछ समय से राजधानी में उनकी सक्रियता और उनके हाव भाव तो यही बता रहे हैं। शुक्रवार शाम उन्होंने प्रशांत विहार में को ऑपरेटिव सोसाइटियों के प्रतिनिधियों की बैठक बुलाई और उनकी परेशानी की लड़ाई लड़ने के लिए खुद को तैयार बताया।
बता दें कि दिल्ली की को ऑपरेटिव सोसाइटियों में करीब एक लाख से भी ज्यादा परिवार रहते हैं, जिनकी निगम, जल बोर्ड और डीडीए से सम्बंधित कई समस्याएं समय के साथ विकराल होती जा रही हैं। सरकार के तमाम दावों और आश्वासनों के बाद भी समस्याएं जस की तस हैं। गोयल इनकी नब्ज समझते हैं, इसलिए अभी से इन्हे साधने लगे हैं।
समस्याएं गिनाने के बाद एक सफल सेल्स मैन की तरह गोयल ने समाधान के तौर पर खुद को पेश किया। उनका कहना है कि अभी तो वे पत्रव्यवहार करेंगे, और छह महीने बाद जब सरकार बदल जाएगी तब वे इसका समाधान भी कर देंगे। इस अस्वाशन की जमानत के लिए उन्होंने अपने काम भी गिनाए।
इसके साथ ही गोयल ने इन सोसाइटियों के प्रतिनिधियों की अगले महीने की 14 तारीख को एलजी से मीटिंग कराने का दावा भी किया है ।