Friday, November 8, 2024
spot_img
Homeब्रेकिंग न्यूज़मेडिकल कॉलेज पर लगेगा नियंत्रण ?

मेडिकल कॉलेज पर लगेगा नियंत्रण ?

नई दिल्ली,      मेडिकल कॉलेजों पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा लाए जा रहे नेशनल मेडिकल कमीशन यानि राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग का देश भर में विरोध हो रहा है। लोकसभा में पेश होने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिशन के नेतृत्व में देश भर के डॉक्टरों ने बुधवार को हड़ताल किया तो वहीँ अब रेजिडेंट डॉक्टरों की संस्थाएं फ़ोर्डा , यूआरडीए और एम्स आरडीए ने इसके इसी प्रारूप में राजयसभा में पेश होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। 
फ़ोर्डा के प्रेजिडेंट डॉ सुमेध बताते हैं कि वर्तमान बिल में शामिल नेक्स्ट एक्जाम, निजी संस्थानों में फीस कैपिंग, अन्य पैथियों के डॉक्टरों को एलोपैथ के प्रैक्टिश की छूट और समिती में डॉक्टरों की संख्या से ज्यादा गैर डॉक्टरों का होना बिलकुल भी स्वीकार्य नहीं है। वर्तमान सरकार देश की स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ाने के बजाए शॉर्टकट मार रही है, जिसके भविष्य में काफी गंभीर परिणाम होंगे।  उनका साफ तौर पर कहना है कि अगर बिल को मौजूदा स्वरुप में ही राज्य सभा में पेश किया गया तो देश भर सरकारी तथा अन्य संस्थाओं में काम कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। उनका कहना है कि इस दौरान वे इमरजेंसी सेवा भी नहीं देंगे।  
यूनाइटेड आरडीए के नेशनल चेयरमैन डॉ अंकित ओम का कहना है कि सरकार बिल में निजी संस्थाओं को 50 प्रतिशत सीटें बेचने की आजादी दे रही है।  इससे पढ़ाई और महँगी होंगी जिससे योग्य छात्र पढ़ाई से महरूम रह जाएंगे। वहीँ गैर डॉक्टरों पर देशभर के मेडिकल पढ़ाई का जिम्मा कैसे छोड़ा जा सकता है।  जो जनता ही नहीं कि मेडिकल की पढ़ाई में परेशानी किस बात की है और कॉलेज को क्या समस्याएं हो रही हैं, वह समाधान कैसे करेगा। उनका कहना है कि इस अमानवीय बिल के खिलाफ देशभर के रेजिडेंट डॉक्टर एकजुट हैं। 
बता दें कि लोकसभा में इस बिल को पेश करते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने दावा किया था कि इससे मेडिकल की पढ़ाई बेहतर होगी। उन्होंने दावा किया था कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी। सरकार ने मेडिकल छात्रों की भलाई के लिए अपने पहले कार्यकाल में 17 हजार पीजी तो करीब 30 हजार एमबीबीएस सीटें बढ़ाई हैं।      

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments